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________________ भने ते योग्य उपयारोथी साराथाय छेतेन वनस्पतिने पए, टीगुटी तनां रोगो लागु पडे छ भने ते योग्या पियारोथी. सारा थाय छे. राणा रनी मसरा पंत प्राणीमो उपराछेरनी जसर. महनी थाथ छे, तेम वनस्पति उपर पए जह भी थाया छे. तेनां मनमां थानी खासपास, समुह प्रहार र रेडात, ते सूहान्निय छे, खेटले, पोतानो प्राए त्यो छे. पहेला, सौराष्टापोरेशोभां, हायतियां थोर घयां थतांपरंतु मे प्रहारनी हया छोट्याधी, भेनी माजी नतिनो कालगनारा थर्ड गयोछे.. (रणा महान वैज्ञानिक श्री. काहीरायंद्र जोश हे छे , " सापही पेहे, पृक्षो पोरेग्यनस्पति पए, टाढथी रीमुहालयाय छे भने इंट्थीरतेनुमा माये छे घरोपमा पर्योधीपधारे ययण थाय छे मथवा धेनमा पछेजराणाहुवायी गगाई भयछे; अतिश्रमी थाही लय छे भारयाधी पीडाय छे। नेशन डरनारी ध्याथी मृW पामेछे पीणीथी विशेष ययग घायः छ परसायी सुस्त थाय छ, सूरनी रोशनीधी स्मृतिमांमाछे सने मेरजणात्हारथी प्राएा त्यछे छे. पृद्धि-सय, सुमन्ज , राट-तडडो, थाऽ- माराम, निद्रालगृति से सर्प, आपली मा तेस्रो प्रट रे छे." पनस्पतिमा नुको जुषनहोवानी मापी ग्यधारे सामीतियो जीन नेईनेता पनस्पतिशाय(भुज्यले सार) प्रत्येक वनस्पतिडाय साधारष्ट्राज्यनस्पतिजाय ,
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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