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________________ ४१० कुवलयमाला कहा का सांस्कृतिक अध्ययन फलक : ५ शस्त्रास्त्र ३३. प्रसिधेनु ( पृ० १६८ ) - अहिच्छत्रा से प्राप्त गुप्तकालीन मिट्टी की मूर्ति में अंकित छु । ( हर्षचरित०, फलक २ चित्र १२ ) ३४. कत्तिय ( पृ० १६८ ) - छोटी छुरी । ( अमरावती०, फ०१० चि० २ ) ३५. कुहाड़ा ( पृ० १६९ ) -- लकड़ी के बेंत सहित कुठार । ( वही, चि० ३ ) ३६ कुन्त ( पृ० १६९ ) - इसे भाला व प्रास भी कहा गया है । (वही, चि० १ ) ३७. दण्ड ( पृ० १७० ) अहिछत्रा की मृण्मयमूर्ति नं० १९३ पर अंकित दण्ड या ( ० ० १७, चित्र ६१ ) " ३८. वज्र ( अशनि ) ( पृ० १७० ) – इन्द्राणी की मूर्ति के हाथ में स्थित वज्र । भारत कला भवन, वाराणसी । ( जैन, यश० सां० अ०, फलक ६, चित्र० ४३ ) ३६. कोदण्ड ( पृ० १६८ ) - (क) लपेटा हुआ धनुष । चित्र ४ ) ( अमरा०, फलक १०, ४०. (ख) चढ़ाया हुआ धनुष । ( वही, चित्र ११ ) शक्ति ( पृ० १७१ ) - अजन्ता के चित्रों में अंकित शक्ति । ( गुप्ता एवं महाजन, अजन्ता, एलौरा एण्ड औरंगाबाद केव्स, पृ० २७७, चित्र ९ ) -वही, पृ० २७६, चित्र० १५ । ४९. चक्र ( पृ० १६९
SR No.032282
Book TitleKuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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