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________________ प्रथम तीन संस्करण- 15000 प्रतियाँ चतुर्थ संस्करण - 3200 प्रतियाँ (1 जनवरी, 2005) - 18200 प्रतियाँ कुल न्योछावर - छह रुपये मात्र © सर्वाधिकारसुरक्षित . १२ प्राप्ति स्थान - 0 अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन शाखा- खैरागढ़ श्री खेमराज प्रेमचंद जैन, 'कहान-निकेतन' खैरागढ़, जि. राजनांदगाँव (म.प्र.) २६ 0 पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट ए-४, बापूनगर, जयपुर-३०२०१५ अनुक्रमणिका श्रावक की धर्म साधना ११ निःशांकित अंग में प्रसिद्ध अंजन चोर की कहानी निःकांक्षित अंग में प्रसिद्ध अनन्तमती की कहानी १८ निर्विचिकित्सा अंग में प्रसिद्ध . उद्दायनराजा की कहानी २६ अमूढ़दृष्टि अंग में प्रसिद्ध रेवती रानी की कहानी .. उपगूहन अंग में प्रसिद्ध जिनभक्त सेठ की कहानी ३५ स्थितिकरण अंग में प्रसिद्ध मुनि वारिषेण की कहानी ३६ वात्सल्य अंग में प्रसिद्ध मुनि विष्णुकुमार की कहानी ४५ प्रभावना अंग में प्रसिद्ध मुनिश्री वजकुमार की कहानी ५३ सम्यक्त्व की महिमा ५६ श्रावक की धर्म साधना ६४ अहिंसा व्रत यमपाल चण्डाल की कहानी सत्य व्रत वसुराजा की कहानी अचौर्य व्रत श्रीभूति पुरोहित की कहानी ब्रह्मचर्य व्रत नीली सुन्दरी की कहानी सेठ सुदर्शन की कहानी ८६ परिग्रह-परिमाण व्रत राजा जयकुमार की कहानी ६५ लोभी लुब्धदत्त की कहानी ६६ 0 ब. ताराबेन मैनाबेन जैन _ 'कहान रश्मि', सोनगढ़-३६४२५०, जि. भावनगर (सौराष्ट्र) टाईप सेटिंग एवं मुद्रण व्यवस्था - जैन कम्प्यूटर्स, श्री टोडरमल स्मारक भवन, मंगलधाम, ए-4, बापूनगर, जयपुर - 302015 फोन : 0141-2700751 फैक्स : 0141-2709865
SR No.032257
Book TitleJain Dharm Ki Kahaniya Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaribhai Songadh, Vasantrav Savarkar Rameshchandra Jain
PublisherAkhil Bharatiya Jain Yuva Federation
Publication Year2013
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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