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________________ योगबिंदु भरुच शहर के 'समली विहार' के मूल में राजा की लड़की सुदर्शना के दृष्टान्त में यही इतिहास उपलब्ध है, जो सर्व विदित है। वर्तमान में भी जातिस्मरण ज्ञान-पूर्वभव की स्मृति के संवादी सैंकड़ों दृष्टान्त देखने में आते हैं, इसलिये जातिस्मरण ज्ञान से आत्मा, कर्म, नरक, स्वर्ग, परलोक, मोक्ष आदि तत्त्वों की सिद्धि निश्चित होती है । इसमें जरा भी सन्देह नहीं ॥६३॥ एवं च तत्त्वसंसिद्धेर्योग एव निबन्धनम् । अतो यनिश्चितैवेयं, नान्यतस्त्वीदृशी कचित् ॥६४॥ अर्थ : इस प्रकार तत्त्वसिद्धि में योग ही मुख्य कारण है, क्योंकि योग से तत्त्वसिद्धि निश्चित है जैसी कि अन्य किसी कारण से कभी नहीं होती ॥६४|| विवेचन : योगी अपने योगबल से जैसा तत्त्व प्रत्यक्ष करता है, वैसा वाद-विवाद, तर्कवितर्क, खण्डन-मण्डन द्वारा नहीं हो सकता । आनन्दघनजी ने भी श्री अजितनाथ भगवान् के स्तवन में सुन्दर कहा है : तर्क विचारे रे वाद परम्परा रे, पार न पहोंचे रे कोय; अभिमत वस्तु वस्तुगते कहे रे, ते विरला जग जोय ॥४॥ वाद की परम्परा बढ़ने पर भी तत्त्व हाथ में आता नहीं और योग से प्रत्यक्ष लाभ होता है, इसलिये तत्त्वसिद्धि में योग को मुख्य बताया है ॥६४|| अतोऽत्रैव महान् यत्नस्तत्तत्तत्त्वप्रसिद्धये ।। प्रेक्षावता सदा कार्यो, वादग्रन्थास्त्वकारणम् ॥६५॥ अर्थ : तत्त्वसिद्धि के लिये विवेकी (बुद्धिमान) मनुष्य को सदा यहीं पर ही (योगाभ्यास में ही) महान प्रयत्न करना चाहिये, तर्कग्रंथ तो इसमें कार्यसाधक नहीं होते ॥६५॥ विवेचन : चूंकि योगाभ्यास से तत्त्व-आत्मा, कर्म, परभव, मोक्ष आदि तत्त्वों की सिद्धि निश्चित है; अनुभव गोचर है; प्रत्यक्ष है; इसलिये बुद्धिमान को अपनी पूरी शक्ति इसी दिशा में लगानी चाहिये, क्योंकि तर्क ग्रंथों में परपक्षनिराकरण और स्वपक्ष प्रतिष्ठापन के अतिरिक्त तत्त्व हाथ में आता नहीं है ॥६५॥ उक्तं च योगमार्गजैस्तपोनिषूतकल्मषैः । भावियोगिहितायोच्चैर्मोहदीपसमं वचः ॥६६॥ अर्थ : तप द्वारा धो दिया है पापपंक जिन्होंने, ऐसे योग मार्ग के ज्ञाताओं ने भावी योगियों के हित के लिये मोहान्धकार को दूर करने में दीपक के समान वचन की घोषणा की है ॥६६॥
SR No.032246
Book TitlePrachin Stavanavli 23 Parshwanath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHasmukhbhai Chudgar
PublisherHasmukhbhai Chudgar
Publication Year
Total Pages108
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size6 MB
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