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________________ 500 हिंसती; अहो मुज जाग्या भाग्यगर्भ मुज सलसल्यो, सेव्यो श्री जिन धर्मक सुरतरु जिम फल्यो, ||६|| सखीय कहे शीखामण स्वामीनी सांभलो; हळवे हळवे बोलो हसो रंगे चलो; इम आनंदे विचरतां दोहला पुरते; नव महिना ने साडा सात दिवस थते. ॥१०॥ चैत्र तणी सुदि तेरस नक्षत्र उत्तरा; जोगे जन्म्या वीर के तव विकसी धरा, त्रिभुवन थयो उद्योत के रंग वधामणां; सोना रुपानी वृष्टि करे घेर सुर घणा. ॥११॥ आवी छप्पन कुमारी के ओच्छव प्रभुतणे; चल्युं रे सिंहासन इद्र के घंटा रणझणे; मळी सुरनी क्रोड के सुरवर आवीयो; पंचरुप करीने प्रभुने सुरगिरि लावीओ. ।।१२।। ओक क्रोड साठ लाख कलश जलशं भर्या, किम सहस्ये लधु वीर के इंद्रे संशय धर्या; प्रभु अंगुठे मेरु चांप्यो अति गडगडे; गडगडे पृथ्वी लोक जगतना लडथडे. ॥१३॥ अनंत बळी प्रभु जाणी इंद्रे खमावीओ, चार वृषभना रुप करी जल नामीओ; पूजी अरची प्रभुने माय पासे धरे, धरी अंगुठे अमृत गया नंदिश्वरे. ॥१४॥ (ढा. ३) (राग : हमचडी) करी महोच्छव सिद्धारथ भूप, नाम धरे वर्धमान; दिन दिन वाधे प्रभु सुरतरु जिम, रुपकला असमान रे. हमचडी० ।।१।। ओक दिन प्रभुजी रमवा कारण, पुर बाहिर जब जावे; इन्द्र मुखे प्रशंसा सुणी तिहां, मिथ्यात्वी सुर आवे रे. हमचडी० ॥२॥ अहि रुपे विंटाणो तरुशुं, प्रभु नाख्यो उछाली; सात ताडनुं रुप कर्यु तब, मुठे नांख्यो वाळी रे. हमचडी० ॥३।। पाय लागीने ते सुर खामे, नाम धरे महावीर; जेवो इंद्रे वखाण्यो स्वामी, तेवो साहस धीर रे. हमचडी० ॥४॥ माता पिता निशाले मूके, आठ वरसनां जाणी; इंद्र तणां तिहां संशय टाल्यां, नव व्याकरण वखाणी रे. हमचडी० ॥५॥ अनुक्रमे यौवन पाम्या प्रभुजी, वर्या यशोदा राणी; अठ्ठावीश वरसे प्रभुजीना, मातापिता निर्वाणी रे. हमचडी० ।।६।। दोय वरस भाईने आग्रहे, प्रभु घर वासे वसीया; धर्म पंथ देखाडो इम कहे, लोकांतिक उल्लसिया रे हमचडी० ॥७|| ओक क्रोड आठ लाख सोनैया, दिन दिन प्रभुजी आपे; इम संवत्सरी दान दईने, जगनां दारिद्र कापे रे हमचडी० ॥८॥ छांड्या राज अंतेउर प्रभुजी, भाईले अनुमति दीधी; मृगशिर वदी दशमी उत्तराये, वीरे दीक्षा लीधी रे. हमचडी० ॥६॥ चउनाणी तिण दिनथी प्रभुजी, वरस दिवस झाझेरां, चिवर अर्ध ब्राह्मणने दीg, खंड खंड बे फेरी
SR No.032195
Book TitlePrachin Chaityavandan Stuti Stavan Parvtithi Dhalo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDinmanishreeji
PublisherDhanesh Pukhrajji Sakaria
Publication Year2001
Total Pages634
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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