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________________ 383 त्रणशेपुरुषनी साथरे ॥ हुं० ॥५॥ घरथकी निकली करीरे लोल, निग्रंथपणुं लीये नाथरे ।। हुं० ॥ पार्श्वनाथ अरिहंत तणुरे लोल, पुरिसादाणी छे नामरे हुँ वारिलाल ॥ त्याशी अहोरात्री लगेरे लोल, छोडी कायानी मायारे ॥ हुं० ॥६॥ देवमनुष तिर्यंचनारेलोल, सहे परिषह धीररे ।। हुं० ॥ तेहमां मेघमाली तणोरे लोल, सुणजो स्थिर करी मनरे ॥ हुं० ॥७॥ एक दिन विचरंता प्रभु रे लोल, तापस आश्रमें जायरे हुं वारीलाल, न्यग्रोध वृक्षनी हेठलेरे लोल, रयां ध्यान लगायरे ॥ हुं० ॥८॥ मेघमाली देवतेणे समेरे लोल, उपसर्ग करवाने आयरे ॥ हुं वारिलाल ॥ कल्पांत काल मेघनी परेरे लोल, जलधारा वरसावेरे ॥ हुं० ॥६॥ दशदिशी विजली चमकतीरे लोल, गर्जारण घणो थायरे ।। हुं० ॥ क्षणमात्रमा प्रभुजी लगेरे, लो० नासिका लगेजल जायरे ।। हुं० ॥१०॥ आसन कंपथी आवीयोरे लोल, धरणेन्द्र तत्कालरे ॥ हुं० ॥ फणारोपे करी ढांकीयोरे लोल प्रभुजी दिनदयालरे । हुं० ॥११॥ अवधिज्ञाने जाणी करीरे लोल, उपसर्ग कर्यां दूररे । हुं० ॥ मेघमाली बीतो थकोरे लोल, थयो प्रभुजी हजूररे, ।। हुं० ॥१२।। ते पण समकित पामीयोरे लोल, प्रभुतणे सुपसायरे, ॥ हुं० ॥ वांदि स्वस्थाने गयारे लोल, शरणुं करी सुखदायरे ॥ हुं० ॥१३॥ धरणेन्द्र पण भक्ति करेरे लोल, गयो पोताने ठामरे ॥ हुं० ।। प्रभु परिषह खमतां थकारे लोल, विचर्यां गामोगामरे ॥ हुं० ॥१४॥ इम परिषह सहन कर्यां रे लोल, त्यासी दिन जिनरायरे ॥ हं० ॥ दीन चौराशीमो आवीयोरे लोल, ग्रीष्म ऋतुवर्तायरे ॥ हुं० ॥ चैत्रवदनी चोथनेरे लोल, चढतो पहोर श्रीकार रे ॥ हुं० ॥१५॥ धातकी वृक्षनी हेटलेरे लोल, अठम तपे चौविहाररे ।। हुं० ॥१६॥ विशाखा नक्षत्रमारे लोल, चंद्रयोग शुभ आयरे ॥ हुं० ॥ शुक्ल ध्यान ध्यातां थकारे लोल, केवलज्ञानी प्रभु थायरे ।। हुं० ॥१७। इंद्र चोसठ तिहां मल्यां रे लोल, समवसरण रचे साररे ।। हुं० ॥ देशना अमृत धारथीरे लोल, तार्यां बहु नरनाररे ॥ हुं० ॥१८॥ हवे प्रभुजीनुं वर्णवू रे लोल, जे जे थयो परिवाररे ॥ हुं० ॥ विजयमुक्तिवर पामीयारे लाल, चरण कमल आधाररे । हूं० ॥१६॥ (ढाल चोथी) प्रभुजी पार्थजिनेसर केरो, वर्णवशुं परिवाररे, गच्छ आठ थाप्यारे जिनजी, आठ थया गणधाररे ॥हमचडी।।१।। आर्यदिन्न प्रमुख
SR No.032195
Book TitlePrachin Chaityavandan Stuti Stavan Parvtithi Dhalo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDinmanishreeji
PublisherDhanesh Pukhrajji Sakaria
Publication Year2001
Total Pages634
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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