SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शिक्षण प्रक्रिया में सर्वांगपूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता || १५ शिक्षा में सुसंस्कारिता का समन्वय प्राथमिक कक्षाओं के लिए तो अध्यापक आवश्यक हैं, क्योंकि उन दिनों बालकों का बौद्धिक विकास अत्यंत सीमित होता है। सहारे के बिना, उनके लिए संभव नहीं कि वर्णाक्षर स्वर, व्यंजन, गणित आदि की प्रारंभिक आवश्यकता भी अपने बलबूते पूरी कर सकें। इसलिए प्राथमिक पाठशाला में तो पाठ्यक्रम पढ़ने वालों की सहायता अनिवार्य रूप से आवश्यक रहती है। इसके उपरांत जैसे-जैसे छात्रों की समझदारी बढ़ती जाती है, अध्यापकों के मार्गदर्शन की आवश्यकता कम होती जाती है। अनेक छात्र हैं जो घर पर पढ़कर परीक्षा देते और पास होते रहते हैं। ऐसे प्राइवेट कहे जाने वाले छात्रों की संख्या रेगुलर छात्रों की संख्या के लगभग जा पहँचती है। वे कुंजियों, गाइडों, गैस पेपर्स से काम चला लेते हैं। कभी-कभी कुछ समय के लिए ट्यूटोरियल प्राइवेट स्कूलों में भी प्रवेश लेते हैं। इस प्रकार उनकी नाव पार लगती रहती है। लड़कियाँ तो अधिकतर उसी पद्धति को अपनाती और स्नातकोत्तर परीक्षा तक पास कर लेती हैं। सयानी होने पर उनके अभिभावक उन्हें कॉलेजों में भेजने से कतराते हैं। विशेषतया देहाती लड़कियाँ तो शहरी बोर्डिग में रहकर, पढ़ने की व्यवस्था से वंचित ही रहती हैं। तात्पर्य यह है कि बिना अध्यापकों के काम चलाने वाला तंत्र विकसित होता जाता है। पत्राचार विद्यालय, खुले विश्वविद्यालय, रेडियो, टेलीविजन आदि द्वारा सिखाए जाने वाले पाठ्यक्रम यह सिद्ध करते हैं कि हमारा रुख किस ओर है ? अभी भी एम० ए०, कानून आदि के छात्र एक घंटे के लिए कॉलेज की कक्षा में बैठते हैं, बाकी तो सभी तैयारी उन्हें घर पर रहकर ही करनी पड़ती है।. यदि स्कुल भर्ती का ऐच्छिक विषय बना दिया जाए और ट्यूटोरियल स्कूलों में पढ़ाई करने की सुविधा मिल जाए तो फिर देखा जा सकता है कि स्कूल में नियमित भर्ती वाली पसंद भी कितनों की रहती है ? कारण
SR No.032174
Book TitleShikshan Prakriya Me Sarvangpurna Parivartan Ki Avashyakta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeram Sharma, Pranav Pandya
PublisherYug Nirman Yojna Vistar Trust
Publication Year2011
Total Pages66
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy