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________________ ब्राह्मो और सुन्दरी का स्मरण करो, नन्दनकूट में रहनेवाली मेधंकर देवी का स्मरण करो, मन्दकूटमें रहनेवाली मेघवती देवी का स्मरण करो, निषधकूटमें रहनेवाली सुमेधा देवी का स्मरण करो, हैमवत कूटमें रहनेवाली मेधमालिनि देवी का स्मरण करो, रजतकूट में रहनेवाली सुवत्सादेवी का स्मरण करो, रुचककूट में रहनेवाली वत्समित्रादेवी का स्मरण करो, सागरचित्रकूट में रहनेवाली वैरसेनादेवी का स्मरण करो, वज्रकूट में रहनेवाली बलाहका देवी का स्मरण करो ! धन्यश। लिभद्रमनुस्मर ॥ ॐ ह्री श्री लक्ष्मीदेवी आगच्छ २ मम गृहे मम निवासस्थाने धनधारां वर्षय २, सर्व मनवांछितं पूरय २, क्षण
SR No.032168
Book TitleAdbhut Navsmaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj, Jayantilal Bhogilal Bhavsar
PublisherLakshmi Pustak Bhandar
Publication Year1977
Total Pages290
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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