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________________ [37] हैं । उसने पूछताछ की तो अगले दिन दो खुला था। एक व्यक्ति ने स्वप्न देखा कि उनसे एक स्त्री मिली है। उसने कई पुस्तकें उन्हें प्रदान की हैं और वह उन पुस्तकों को उठाकर कहीं जा रहे हैं। आपको मैंने एक नियम बताया था आने की क्रिया वाला अंक वर्तमान होता है । जाने की क्रिया वाला स्वप्न दूसरे दिन का अंक व्यक्त करता है । स्वप्न के अनुसार उन्हें एक स्त्री मिली। अगले दिन शून्य खुला। स्वप्न में वह पुस्तकें उठाकर जा रहे थे अत: शून्य के अगले दिन पाँच खुला था। यह कोई आश्चर्य करने की विद्या नहीं है। यह व्यंग्य का भी विषय नहीं है अपितु सूक्ष्म सोच, समझ, दूरदर्शिता और भाग्य से लाभ उठाने का विषय है। यह तथ्य सर्वदा याद रहे कि स्वप्न के कारण प्राप्त होने वाली अशुभता तो आपको घर में छुपे हुए होने पर भी प्राप्त हो जायेगी परन्तु जहाँ तक शुभता का प्रश्न है उसके लिये तो कहीं चल कर ही जाना होगा अन्यथा लाभ प्राप्त नहीं होगा। एक कहावत है कि 'गिरते हैं शहसवार ही मैदाने जंग में' अत: जो इसे खेलेगा वही इसे पायेगा और जो पायेगा तो खोयेगा भी वही । खोने कोई और नहीं आता बल्कि पाने वाला खोता है और खोने वाला पाता है। समझदार तो वही है जो इस खेल में प्रवेश ही न करे पर प्रवेश कर ही लिया है तो जीतकर किनारा कर लेना चाहिये । कई वर्ष पूर्व एक गीत बजा करता था। उसी की प्रथम पंक्तियाँ यहाँ पर प्रस्तुत करता हूँ कि 'तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना लें, अपने पे भरोसा है तो यह दाँव लगा ले।' ____ अब आपके समक्ष सारणी के रूप में स्वप्न अंक-फल तालिका प्रस्तुत है । इस तालिका से स्वप्नों के शुभाशुभ फल सरलता से समझ में आ जाते हैं (देखें स्वप अंक-फल तालिका पृष्ठ-38)।
SR No.032163
Book TitleSwapna Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYogiraj Yashpal
PublisherRandhir Prakashan
Publication Year1993
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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