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________________ २५ तैरना आदि देखे तो नीच कुल में जन्मा हुया व्यक्ति भी राजा बनता है । दीपक, माँस, फल, कन्या, पद्म, छत्र और ध्वजा आदि देखे तो विजय प्राप्त करता है । तथा पूर्वजोंकी आकृति देखे तो आयु बढ़ने का कारण बनता है एवं कीर्ति-यश और धन बढ़ता है । कपास, भस्म, अस्थि, मथी हुई छाछ, इन चार वस्तुनोंको छोड़कर बाकी सब सफेद वस्तुयें अच्छी होती हैं । हाथी, देवता, घोड़ा और राजाके अतिरिक्त और सब काली चीजें बेठीक होती हैं । स्वप्नमें गायन करे तो रोनेका प्रसंग पाता है। नाचने पर बंदीखाना भोगता है । हँसे तो शोकातुर होता है। पढ़े तो कलह या विग्रह होता है। देवता, राजा, साधु ब्राह्मण, अपना पूर्वज, वृषभ-ये आकर कुछ बात करें या कहें तो सत्य उतरती हैं । सफेद साँप भुजा पर डसे तो सोने की धातु का लाभ मिलता है। फले-फूले वृक्ष या खिरनीके वृक्ष पर चढ़ा देखे तो अधिक धनलाभ होता है। गधा,ऊँट,भेस या भैंसे पर चढ़कर दक्खन में जाता देखे तो मृत्युलाभ होता है। यदि पुरुष सफेद चन्दनके विलेपनसे युक्त धौले कपड़े वाली स्त्रीसे आलिंगन भाव देखे तो धनकी प्राप्ति होती है। काले चन्दनके लेपन युक्त लाल कपड़े पहने हुए स्त्रीसे आलिंगन-भाव देखे तो खून सूखनेकी बीमारी होती है। सोना,रत्न, या सीसा धातु के ढेर पर चढ़ा देखे तो सच्ची श्रद्धा-समकत्व का निमित्त पाकर मोक्ष गमन करता है। शराबके घडे को उठाकर फोड़ने की घटना देखे तो आत्मसमाधि पाकर मुक्ति पाता है। असंख्य स्वप्नों में-१४ स्वप्न सर्वोत्तम होते हैं,तीस स्वप्न मध्यम और ४२ स्वप्न जघन्य कक्षा के होते हैं। ४२ जघन्य स्वप्न-गन्धर्व, राक्षस, भूत पिशाच, बुक्कस, महिष, साँप,वानर, कंटकवृक्ष, नदी, खजूर, स्मशान, ऊँट,खर
SR No.032161
Book TitleSwapna Sara Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDurgaprasad Jain
PublisherSutragam Prakashak Samiti
Publication Year1959
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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