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________________ ३ चैतन्यार्ध्य समाराध्यायै नमः । चैतन्यकुसुमप्रियायै सदोदितायै २० सदातष्टायै तरुणादित्यपाटलायै दक्षिणादक्षिणाराध्यायै दरस्मेरमुखाम्बुजायै कौलिनी केवला ये अनध्यैकैवल्यपददायिन्यै । M 20 10 " 34 M 10 " स्तोत्रप्रियायै 10 1 aaa a " मङ्गलो कृत्यै विश्वमात्रे 20 10 1.4 10 " W N 10 3.0 140 M स्तुतिमत्यै श्रुतिसंस्तुतवैभवायै मनस्विन्यै मानवत्यै महेश् १८३० जगद्धात्र्यै विशालाक्ष्यै विरागिण्यै प्रगल्या परमोदारा ८४ परामोदायै मनोमय्यै व्योमकेश्यै बिमानस्थायै जि 2.4 20 3.0 99 2.9 " 9.9 19 38 " " 3." ." 20 " 20 1.0 30 22 ११४ " ३ वामकेश्व 3.4 10 " 20 39 30 " .. पञ्चसडखयोपचारिण्यै८५०) M 18 14 3. N 18 10 H 10 " 20 " J " पञ्चयज्ञप्रियायै पञ्चप्रेतमश्चाधिशायिन्यै पञ्चम्यै पञ्चभूतेश्यै " शोश्वत्यै शाश्वतैश्वर्यायै शर्मदायै शंभुमोहिन्यै धराये धरसुतायै धन्याय धर्मिण्यै धर्मवर्धिन्यै नमः । लोकातीतायै ४६० गुणातीतायै सर्वातीतायै शमात्मिकायै बन्धककुसुमप्रख्यायै वाळाय लीलाविनोदन्यै सुमङ्गल्यै सुखक सुवेषाढयायै सुवासिन्यै ८०० सुवासिन्यर्चनप्रीतायै " ... 20 " 2 1.0 2.0 " 10 no 20 " " AD 20 " " " W 20
SR No.032147
Book TitleVidyopasna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHimmatram Mahashankar Yagnik
PublisherYogesh Yagnik
Publication Year1987
Total Pages138
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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