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________________ समर्पण अपनी विशिष्ट देशना-लब्धि के द्वारा जनमानस में जमे हुए मिथ्यात्वरूपी पिशाच को दूर, भगानेवाले अपने बाह्य और अभ्यंतर विराट्-व्यक्तित्व के द्वारा जनमन के घट-घट में जिनशासन के प्रति अद्भुतराग प्रगटानेवाले, हजारो के तारणहार...व्याख्यान वाचस्पति जिनशासन प्रभावक, गच्छाधिपति . आचार्य देव श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज! आपके कर कमलों में यह ग्रंथ समर्पित करते हुए हमें अत्यंत ही आनंदानुभव हो रहा हैं. क्योंकि आप की कृपादृष्टि से यह कठिन कार्य भी सुगम हो पाया हैं । आपकी कृपा का यह फल आपको ही हम समर्पित करते हैं । मुनि वज्रसेन विजय मुनि रत्नसेन विजय
SR No.032128
Book TitleSiddha Hemchandra Shabdanushasan Bruhad Vrutti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVajrasenvijay
PublisherBherulal Kanaiyalal Religious Trust
Publication Year1986
Total Pages650
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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