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________________ अर्हम् पूज्यपादाचार्यदेव श्रीमद् विजय दान- प्रेम - रामचन्द्र - भवङ्करसद्गुरुभ्यो नमः कलिकालसर्वज्ञ - श्रीमद् हेमचन्द्र सूरिभगवत्प्रणीतं श्री सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् ( स्वोपज्ञ बृहद्वृत्ति तथा न्यायसारसमुद्धार (लघुन्यास) संवलितम् ) प्रथमो भाग: आद्य-संपादक शासन - सम्राट् पू. आचार्य देव श्रीमद् विजय नेमि सूरीश्वरजी महाराज साहेब की प्रेरणा से प. पू. आचार्य देव श्रीमद् विजय उदयसूरीश्वरजी महाराज. संपादक सुषिशाल गच्छाधिपति पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज सा. के शिष्यरत्न अध्यात्मयोगी पूज्यपाद पंन्यास प्रवर श्री भद्रंकर विजयजी गणिवर्य श्री के शिष्यप. पू. आचार्यश्री कुंदकुंद सरीजीके शिष्य पूज्य मुनिवर्य श्री वज्रसेन विजयजी म. सा. सह संपादक पूज्य मुनिराजश्री रत्नसेनविजयजी म. प्रकाशक भेरूलाल कनैयालाल रिलिजीयस ट्रस्ट चन्दनबाला बम्बई
SR No.032128
Book TitleSiddha Hemchandra Shabdanushasan Bruhad Vrutti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVajrasenvijay
PublisherBherulal Kanaiyalal Religious Trust
Publication Year1986
Total Pages650
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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