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________________ दफा ७३२-७३३] खर्च पानेका अधिकार आदि पह छोटी है इसलिये खलग खर्च नहीं दिया जा सकता या यह कि विधवाके पास भरणपोषणका दूसरा ज़रिया मौजूद है। देखो--14 Bom. 490. दका ७३३ बिठलाई हुई स्त्रीका भरण पोषण किसी हिन्दू पुरुषके मरनेके समय तक उसकी बिठलाई हुई स्त्री (रखेली स्त्री) यदि उसके साथ रहे और सिर्फ उसीके लिये रही हो तो चाहे उसकी कोई सन्तान हो या न हो वह स्त्री उस हिन्दू पुरुषकी निजकी या मौरूसी जायदादमें से अपने भरण पोषणका खर्च लेने का अधिकार रखती है, देखोनिगनेधी बनाम लक्ष्माबा 27 Bom 163; 3 Bom. L. R. 647. रामानरसू बनाम बच्चामा 23 Mad 282, 291; 12 Bom. 26 खेमकर बनाम उमाशङ्कर 10 Bom. H. C. 381; 12 Bom. H.C. 229. यदि बिठलाई हुई स्त्रीने व्यभिचार किया हो तो उसका हक़ मारा जायगा; देखो--यशवन्तराव बनाम काशीबाई 12 Bom. 26. वह स्त्रीकि जिससे किसी हिन्दूका कभी अकस्मात् संसर्ग और सम्भोग हुआ हो या वह स्त्री (जिसकापति जीवित हो) कि जिससे किसी हिन्दूका संसर्ग और सम्भोग कानून विरुद्ध हुआ हो, ऐसी स्त्रियां भरण पोषणके पानेका अधिकार नहीं रखती ( कानून विरुद्ध सम्भोग वह कहलाता है कि जिस स्त्रीका पति जीवित हो उसके साथ व्यभिचार ) देखो-सिकी बनाम वेकटसामी 8 Mad. H C. 144; 10Bom. H. C. 381. विठलाई हुई स्त्री जो त्याग करदी गईहो उसका कुछ हक़ नहीं है--22 Mal. 282. गैर कानूनी सन्तानके लिये देखो--A. I. R. 1926 Mad. 261.नारद कहते हैं: अन्यत्रब्राह्मणात्तुि राजाधर्मपरायणाः तत्स्त्रीणां जीवनं दद्याद्देष दायविधिः स्मृतः। नारद ब्राह्मणको छोड़कर, यदि किसी दूसरे जातिके पुरुषके पास कोई स्त्री उसके जीवन भर सिर्फ उसीके लिये रही हो तो राजा उसे भरण पोषण दे। अर्थात् उस हिन्दू पुरुषकी जायदादसे दिलावे । इस विषयमें और देखो-- दफा ७२२.५. - परवरिश मुस्तकिल रखेली औरतकी मुतवफ़ी हिन्दूकी मुसलमान रखेली दासी और उसकी अहिन्दू रखेली औरत एकमें शामिल है । हिन्दूला में हिन्दू धर्मके अतिरिक्त अन्य धर्मावलम्बियोंकी अवस्था-परवरिशका अधिकार भिन्न है हैदरी बनाम नरेन्द्र विक्रमजीतसिंह 30. W. N. 284; 93 1. C. 677; 13.0. L. J. 245; A. I. R. 1926 Oudh. 294. · रखेल--मुस्तकिल रखेलको, जो शुद्धाचरण हो, अपने मृत प्रेमीकी जायदादसे परवरिश पानेका अधिकार है। रखेलोंकी परवरिश पानेका नियम
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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