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________________ स्त्रियोंके अधिकार [ ग्यारहवां प्रकरण पर क़ानूनन और सामाजिक नियमसे लाज़मी था और उनके विवाह के लिये ग्रा दूसरे ज़रूरी धार्मिक कामोंके लिये जो खर्च हो क़ानूनी ज़रूरत है -- देवीदयाल साह बनाम भानुप्रतापसिंह 31 Cal. 433. गनपति बनाम तुलसीराम 13 Bom. L. R. 860; 7 Ben. Sel. R. 513; 18 All. 574. ६६२ यह बात सभी खर्चे से लागू होगी कि जो कुछ खर्च किया जायगा खानदान की हैसियत और जायदाद की हैसियत का ख़्याल करके उचित तादाद में खर्च किया जायगा, दुरिहरराय बनाम दलसंहार सिंह 2 W. R C.R.367. पति के पौत्रोंके भरणपोषण के लिये, देखो - चिम्मनलाल बनाम गनपतिलाल 16 W. C. R. 52; इसमें माना गया है कि पितामह अपने पौत्रोंके लिये यद्यपि क़ानूनी पावन्द नहीं है परंतु वह सामाजिक नियमसे पाबन्द है । श्री मोहनझा बनाम ब्रजविहारी 36 Cal. 753; में मांके श्राद्धके लिये जायदाद बेचना जायज़ माना गया है । (७) बेटीका व्याह - अपनी बेटीके व्याहके लिये जो खर्च हो क़ानूनी ज़रूरत है, देखो - माखनलाल बनाम ज्ञानसिंह ( 1910 ) 33 All. 255; या खानदानकी दूसरी लड़कियोंके विवाह के लिये पति या पिछला पूरा मालिक मज़बूर था । पुत्रीके दहेजके लिये इन्तक़ाल में भावी वारिसके एतराज़ करनेका अधिकार- दहेज देने के लिये जायदादके इन्तक़ालके अनुमानका नियम --- विधवा शादीके सम्बन्धमें वैसा ही प्रबन्ध करनेके लिये वाध्य है, जैसा कि उसके पतिने यदि वह जीवित होता, तो किया होता । माधोप्रसाद बनाम धनराज कुंवर 3 OWN. 529. हिन्दू विधवा द्वारा अपने पति की जायदाद के उस इन्तक़ालकी पाबंदी, जो वह अपनी पुत्रीके व्याहके लिये करती है, भावी वारिसों पर लाज़िमी है । कोई हिन्दू विधवा इस बात के लिये वाध्य नहीं है कि वह अपने पासकी रक्कम को, जो उस रियासत से न प्राप्त की गई हो, खर्च करे । उसे अधिकार है कि वह जायदाद की रक़म अपनी लड़की की शादी के खर्च में लगावे | सतीशचन्द्र नाग बनाम हरी पद्दा 41 Cal. L, J. 209; 87 I. C. 43; A. I. R. 1925 Cal. 689; बेटेकी बेटीके विवाह के लिये विधवाने जो क़र्ज़ा लिया उसके विषयमें अदालतकी यह राय हुई कि विधवाके मरनेके बाद रिवर्ज़नर उस क़र्जेके देनहार होंगे चाहे वह क़र्ज़ जायदाद पर न लिया गया हो, देखो -- 6 Cal. 36: 6 C. L. R. 229.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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