SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हिन्दू-ला ४५९ ४३८ » ४४४ विषय पेज | विषय -हिस्सेदारकी स्त्रीका भरण पोषण बतौर -कोपार्सनरी जायदाद कर्जे के है -बटवारेके बाद खरीदी जायदाद -मिताक्षरा लॉ के अनुसार ४३६ -मुश्तरका व्यापार या मेहनत की जायदाद ४६० -बनानेसे नहीं बनता बल्कि कानूनमें जैसा -दान या वसीयतकी जायदाद माना है वही रहेगा ४६१ ४३६ बाबुआनाके तौर पर दी हुई जायदाद -शाखायें, फैलाव व जायदाद -टूट जाना, बटवारा होने के बाद -समझौतेसे प्राप्त हुई जायदाद -अलग रहनेसे शामिलाती नहीं टूट सकती ४३७ -नानासे पायी हुई जायदाद ४६२ -शामिल शरीक पूंजीसे प्राप्त जायदाद ४६३ -कब्जा मुखालिफाना नहीं होता किसी. मेम्बरका ३७ -कोपार्सनरी जायदादकी बृद्धि और प्राप्ति ४६४ -खानदानके कुल देवता ४३० -विद्वत्तासे पैदाकी हुई जायदाद -बारसुबूत किसके जिम्मे होगा -देवोत्तर जायदाद -कोपासनरीका अर्थ और व्याख्या ४३८ से ४४२ -बटबारासे मिली जायदाद ४६६ -वार सुबूत किस पर होगा ४३९ -सुबूतकी जिम्मेदारी ४६९ -कोपार्सनर -अलहदा या खुद पैदा की हुई जायदाद कौनहै ४७१ -दत्तकपुत्रका कोपार्सनर होना ४४५ -खुद कमाईकी जायदाद ४७१ -परपोतेके बेटेका होना ४४५ -दान या सरकारसे मिली हुई इनाम ४७२ -पोतका अपने बापके स्थानापन्न होना ४४५ -जो बिना सहायताके कमाई गई हो ૪૦૨ -मिताक्षरा लॉ के अनुसार -बटवारेके हिस्से की जायदादके मुनाफेकी ४७२ -अनारसपुत्रका कोपार्सनर होना ४४६ -वेश्याकी कमाई जायदाद ४७३ -औरतें कोपार्सनर कहां नहीं होती -अलहदा कमाई जायदाद ४७५ -कौन लोग अयोग्य माने जायंगे ४४९ -विद्याके जरियेसे जो जायदाद मिले ४७६ -अयोग्यताके सुबूतका भार -बीमाका रुपया ४७७ -मरा हुआ माना जायगा ४५० -अदालतका अनुमान क्या होगा ४७८ -लड़केको हक कब न मिलेगा -अलहदा जायदाद पर अधिकार ४८२ -अपना हिरसा छोड़ें देना ४५१-अधिकारोंका वर्णन ४८६ -अधिकार कोपार्सनरके ४५१/-मेनेजरके अधिकार ४८९ -मरनेसे कारबार टूट नहीं जाता ४५५-मेनेजरको हिसाब देनेकी जिम्मेदारी ४९३ -कारोबारका वर्णन ४४३ से ४८६ -कर्जा लेनेका अधिकार ४९४१४९६ -अधिकारका वर्णन ४८६ से ४८९ -द्वारा जायदादका इन्तकाल किया जाना ४९८ -कोपार्सनरी प्रापर्टी (जायदाद) ४५६ -कर्जका स्वीकार किया जाना५१२१५१४५२. -अप्रातबन्ध और सप्रतिबन्ध जायदाद ४५६ -कानूनी ज़रूरतें -सरवाइवरशिप कौन जायदादमें होगा ४५७ -का बार सुब्रत किस पर होगा ५०० -जायदादकी किस्म ४५९ -किसी हिस्सेदारका अलहदा दावा करना ५१३ -कौन नायदाद शामिल शरीक मानी जाती है। -मुकद्दमें सब कोपार्सनरोंका फरीक बनना ५१६ तथा कौन नहीं मानी जाती ४५९ -राब कोपार्सनरोंका मुद्दई बनाया जाना ५१८ ४४९ ४५०
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy