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________________ दफा ५१५] स्त्रियों का अधिकार दायभाग-दायभाग स्कूलमें जब भिन्न भिन्न माताओंके पुत्रोंके परस्पर बटवारा हो तो प्रत्येक माताको उसके एक पुत्रके हिस्सेके बराबर हिस्सा मिलेगा: 16 Cal. 758. में माना गया है कि पुत्र रहित सौतेली मांको सौतेले पुत्रोंके साथ जायदादमें कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। पति वसीयतनामेके द्वारा या ज़बानी या दूसरे आदमियोंसे कहकर ऐसी व्यवस्था कर सकता है कि बटवारेके समय उसकी स्त्रीको कोई हिस्सा न मिले क्योंकि पतिको जायदाद पर पूर्ण अधिकार प्राप्त रहता है। परिवारपर विधवाके परवरिशकी पाबन्दी-यदि पिताकी मृत्युके पश्चात् पुत्र पारिवारिक जायदादका बटवारा करे, तो उन्हें माताकी परवरिशके लिये और परिवारकी अन्य किसी विधवाकी परवरिशके लिये अवश्य प्रबन्ध करना पड़ेगा। माता और अन्य विधवाओंकी परवरिशकी जिम्मेदारी समस्त परिपारपर होगी, पुत्र या सौतेले पुत्रोंके बटवारेमें कोई अन्तर न होगा, यानी हर सूरतमें विधवाओंकी परवरिशका प्रबन्ध किया जायगा-यान्द्र वीरना बनाम यान्द्र सीतम्मा A. 1. R. 1927 Mad. 83. . सौतेली माताका हिस्सा-मिताक्षराकानूनके आधीन पुत्रों और सौतेली मा के बटवारेमें, सौतेली मांको एक पुत्रके समान हिस्सा पानेका अधिकार है। व्याखाये इस बातमें एक मत है कि याज्ञवल्क्य द्वारा प्रयोग किये हुये शब्द माताके अन्दर, जो कि पिताकी मृत्युके पश्चात् पुत्रों के बटवारेके सम्बन्धमें वर्णित है, सौतेली मा ( Step Mother ) भी आ जाती है-तगे इन्द्र सिंह बनाम हरनामसिंह 7 Lah. L. J. 424; 6 Lah. 457; 26 Punj. L. R. 680; 90 I. C. 1035; A. I. R. 1925 Lah. 568. . हिन्दूलॉ के साधारण नियमोंके अनुसार, दो भाइयोंके बटवारेमें, जो भिन्न माताओंके पुत्र हों, सौतेली माता भी यदि वह पुत्र बिहीन हो, उनके बराबर हिस्सा पाती है-दमनसिंह बनाम सुबरनसाई 22 N. L. R 28; 94 I. C. 791; A. I. R. 1926 Nag. 291. मध्य प्रांतमें मां का हिस्सा-मध्य प्रदेशमें पिता और पुत्रके मध्य बटवारेमें पिताकी स्त्रीको भी पुत्रके बराबर हिस्सा मिलता है किन्तु स्त्रीधनके बराबर यदि उसको अपने पति या ससुरसे कुछ प्राप्त हुआ है, उसके हिस्से में कमी करदी जाती है-राधेकिशनलाल बनाम हरकिशनलाल A. I. R. 1927 Nag. 55. दफा ५१५ बटवारेके समय दादीका हिस्सा अपने पोतोंके बीचमें बटवारा होने के समय विधवा दादी एक पोतेके हिस्सेके बराबर हिस्सा पानेका अधिकार रखती है, देखो-सरोदादासी बनाम
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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