SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 675
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५६४ पैतृक ऋण अर्थात् मौरूसी क़र्जा [सातवां प्रकरण (१) कामेच्छा पूर्ण करनेके लिये या रंडीबाजी आदिके लिये। (५) ऐसे कामोंके लिये, जो काम किसी शुद्ध चरित्रको घृणित कर देने वाले हों, देखो-28 All. I. L. R. 508 All. W. N. (1906 ) 117; 3 A. L. J.274; मेन हिन्दूला P. 378. कोलबुकडाइजेस्ट Vol. 1 P. 2473 300, 305, 311. (६) जो कर्जा बापने बुरे कामों के लिये लिया हो उनके देनेका पुत्र जिम्मेदार नहीं है, देखो-3 Bom. L. R. 647, 23 Suth. 260; 25 Suth 421; 2 Cal. 213; 25 Suth. 311, 5 Cal. 1483 6 I. A. 88; 8 All. I. L. R. 231; 7 N. W. P.110. (७) मिताक्षरा और दायभाग दोनों स्कूलोंमें यह माना गया है कि जब बापके मरनेपर उसकी जायदाद पुत्रोंके हाथमें आ जाये और उस वक्त बापकी जायदादसे कर्जा वसूल करनेके लिये कोई ऐसा दावा करे कि मैंने पुत्रोंके बापके हाथ इतनी कीमतकी शराब बेची थी जिसका वह जिम्मेदार था तो ऐसा दावा खारिज हो जायगा, देखो-2 P. W. R. (1909); 24P. R. (1909); 1 Indian Cases 13; P. L. R. 1908. (८) एक मामलेमें बुरे कामोंके वास्ते लिये हुए बापके कर्जे दिलापाने का दावा पुत्रोंके विरुद्ध किया गया था उसमें कहा गया कि ऐसे कर्जेके बारे में पुत्रोंकी जिम्मेदारी अनुचित जिम्मेदारी है इसलिये ऐसे कर्जेका कोई लड़का जिम्मेदार नहीं है, देखो-S. C. 151. सिलेक्ट केस (1878) 8 No. 143; 1 C. P. L. R. 43. (१) एक हिन्दु बापने बहैसियत अपने अज्ञान लड़केके वलीके, उसकी तरफ़से यह दावा किया था कि दत्तक जायज़ करार दिया जावे। अदालतने दत्तक खारिज कर दिया और कहा कि दत्तक झूठा था तथा बापने जानबूझ कर ऐसा दावा किया है और यह भी हुक्म दिया कि गवर्नमेन्टका खर्चा जो इस मुक़द्दमेमें पड़ा हो बाप (मुद्दई ) अदा करे। इस मुकद्दमे में खर्चा अदा करनेकी जो बात है वह जुरमानेके तौरपर है क्योंकि बापको दत्तकके झूठे होनेकी बात पहलेसे मालूम थी ऐसे खर्चेके देनेके लिये पुत्र जिम्मेदार नहीं माने गये देखो-20 M. L. J. 89; 6 M L. T. 308. (१०) इस मुकद्दमेमें, खेतमें पानी जानेके रास्तेको बापने रोक दिया था यद्यपि यह काम ये कानूनी नहीं था फिर भी बेइन्साफ़ी (Wrongful) का ज़रूर था अदालतने उस आदमीकी नुकसानकी डिकरी बापपर की जिसे पानी रोक देनेसे नुकसान हुआ था। कहा गया कि पुत्र एसी जिम्मेदारीके जवाबदार नहीं हैं जो उनके बापने बेइन्साफ़ीसे किया। बापके मरने के बाद
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy