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________________ दफा ४२६] अलहदा जायदाद सियत मैनेजर संयुक्त परिवारके ऋण दाताका प्रतिनिधिहो, शाकर खां बनाम लक्ष्मीमल 94 I. C. 664; A. I. R. 1926 Sind b6. अन्य व्यक्तिके साथ साझाकर सकता है यदिशेष मेम्बर खान्दान साक्षीदार हैं, शिवनारायन बनाम बाबूलाल 85 I.C. 775; A. I. R. 1925 Nag. 268. अधिकार मेनेजरको है, नारूमल चन्द बनाम मिचूमल फालूमल 18 S. L. R. 1; A. I. R. 1924 Sind 124. ऊपर जो खान्दानके कामोंका ज़िकर किया गया है वह यह काम हैं जैसे कोपार्सनरों और उनके बाल बच्चोंका भरण पोषण करना, उनको पढ़ाना लिखाना तथा उनके विवाह या यज्ञोपवीत करना, और श्राद्धोंमें खर्च करना, तथा दूसरे धार्मिक कृत्योंमें भी खर्च करना । अगर किसी कोपार्सनरका परिवार ज्यादा बड़ा है और दूसरोंका छोटा है तो यह बात कभी नहीं सुनी जायगी कि अमुक कोपार्सनरके परिवारमें ज्यादा खर्चा हुआ और अमुकमें कम। और न यह बात बटवाराके समय सुनी जायगी। कारण यह है कि मुश्तरका खान्दानमें सच बराबर समझे जाते हैं। 5 Beng. L. R.347, 349. नोट-मुश्तरका खानदानके मेनेजरकी हैसियत इन्डियन् कांट्राक्ट एक्ट सन १८७२६० के चेप्टर १० के अनुसार नहीं मानी गयी, देखो-मोहमद बनाम राधेराम (1900)22All. 307, 317. दफा ४२६ मेनेजरको बटवाराके समय हिसाब देनेकी ज़िम्मेदारी जबकोई मुकदमा मुश्तरका जायदादके बटवारेका अदालतमें दायरकिया जाय और मुश्तरका खान्दानके मेनेजरसे पिछला हिसाब मांगा जाय तो मेनेजर पिछला हिसाब समझानेका ज़िम्मेदार नहीं माना गया है । मेनेजर सिर्फ यह बतानेका पाबन्दहै कि अभीतक कितना रुपया खर्च होगया तथा इससमय कितना रुपया बाकी है । मेनेजरसे ऐसा हिसाब नहीं मांगा जायगा कि उसे किफायत का खूब ख्याल रखकर बड़ी परवाहीके साथ रुपया खर्च करना चाहिये था। परन्तु मेनेजर उस रुपयाके देनेका ज़िम्मेदार है जो उसने अपने कामोंमें या दूसरे ऐसे कामों में जिनसे मुश्तरका खान्दानका कुछ सम्बन्ध नहीं है खर्च किया हो अर्थात् अगर जालसाजी या अनुचित रीतिसे निजके कामोंमें खर्च नहीं किया तो कोई भी कोपार्सनर मेनेजरसे तफसीलवार हिसाव पिछला नहीं मांग सकता है। मेनेजरसे कोपार्सनर सिर्फ उस वक्तका हिसाब मांग सकता है कि जिस वक्त बटवारा चाहा गया हो यानी बटवारा चाहे जानेके समय जो हिसाब मौजूद है सिर्फ उसे मांग सकता है पिछला नहीं, देखोबालकृष्ण बनाम मुथूसामी 32 Mad. 271. नरायन बनाम नाथाजी (1903) 28 Bom. 201, 208. दामोदरदास बनाम उत्तमराम 17 Bom. 271. अगर कोपार्सनरोंके और मेनेजरके दरमियान कोई खास शर्तनामा हो चुका हो तो उस समय मेनेजर बतौर एजेण्टके हिसाब देनेका जिम्मेदार
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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