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________________ दफा ४०२-४०३ ] कोपार्सनर दादमें कुछ नहीं माना गया क्योंकि वह कोपार्सनर नहीं है - देखो - रोशनसिंह बनाम बलवन्तसिंह ( 1899 ) 27 I. A. 51, 56, 22 All. 191, 197; 2 Bom. L. R. 529 रणमर्दनसिंह बनाम साहेब प्रल्हादसिंह 7 M. I. A. 18, 4 W. R. P. C. 132. ४४७ ( २ ) शूद्र क़ौममें अनौरसपुत्रका हक़ माना गया है और वह कोपार्सनर होता है । देखो - राही बनाम गोविन्द वल्दतेजा 1 Bom. 97. सादू बनाम बैजा 4 Bom. 37. सरस्वती बनाम मन्नू 2 All. 134. हरगोविन्द कुंवर बनाम धरमसिंह 6 All 329. कृष्णा पैप्पन बनाम मुदुसामी 7 Mad. 407. एन कृष्णाअम्मा बनाम एन पामा 4 Mad. H. C. 234. और देखो - 7 Mad. 407, 4 Mad. H. C. 234; 12 Mad. 72; 13 Mad. I. A. 141, 159. और भी देखना हो तो मनुस्मृति अध्याय ६ श्लोक १७६ देखोदास्यांवादासदास्यांवायः शूद्रस्य सुतोभवेत् सोनुज्ञातो हरेदंशमिति धर्मोव्यवस्थितः । तथा याज्ञवल्क्य व्यवहाराध्यय श्लोक १३४. जातोऽपि दास्यां शूद्रेण कामतों शहरो भवेत् मृते पितरिकुर्युस्तं भ्रातरस्त्वर्द्ध भागिकम् । शास्त्रोंमें बताया गया है कि शूद्र क़ौममें अगर दासी या दासीकी दासी से पुत्र पैदा हो तो पिताकी इच्छा से भाग पाता है। क़ानूनमें यह मान लिया गया कि शूद्र क़ौममें अनौरस पुत्र कोपार्सनर हो सकता है अगर कोई विशेष बात इसके खिलाफ़ न हो । यह बात हमेशा याद रखना चाहिये कि अगर अनौरसपुत्रकी पैदाइश किसी ऐसे सम्बन्ध से हुई है कि जो धार्मिक दृष्टिसे अनुचित है अथवा किसी ऐसी स्त्रीसे हुई है कि जिसका पति जिन्दा हो और किसी दूसरे पुरुषके अयोग्य सम्बन्धसे वह पैदा हुआ हो तो शूद्र क़ौममें भी लड़केका हक़ कोपासनरी जायदादमें नहीं माना जायगा और न वह कोपार्सनर होगा। देखो - वेङ्कटा चिल्लाचिट्टी बनाम परवाथाम 8 Mad H. C. 134 दलीप बनाम गनपति 8 All. 887. दत्तीपरीसीनयादू बनाम दत्तीबेंगरू 4 Mad. H. C. 204. (३) शूद्रों में भी अनौरस पुत्रका हक़ पैदाइश से नहीं माना गया - शूद्रोंमें जहांपर कि आनौरस पुत्रका हक़ माना गया है वहांपर उसकी पैदाइसे नहीं माना गया इसीलिये अनौरस पुत्र बापसे कोपार्सनरी जायदादका टवारा नहीं करा सकता और न. बापके हक्रोंको रोक सकता है जो उसे
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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