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________________ हालकी नजीरें] गार्जियन एण्ड वार्डस ४१३ गार्जियन एण्ड वार्डस् एक्ट नं० ९ सन् १८९० ई० की आवश्यक दफाओंपर उपयोगी हालकी नजीरें .. . सूचना-उपरोक्त मूल कानून इस ग्रन्थके पेज ३८४ से प्रारम्भ होकर पेज ४१२ में समाप्त हुआ है नीचे उसी कानूनकी दफाओंके क्रमानुसार नई नज़ीरें दीगई हैं। नीचे -गा० दफा' इस तरहपर लिखी हुई दफाओंके संकेतसे, आप उपरोक्त कानूनकी दफा समझना, हिन्दू-लॉ की दफा न समझना। नीचेकी दफाओंमें जिस दफाका हवाला आप देखेतो इस मतलबके लिये उपरोक गार्जियन एण्ड वार्ड्स एक्टकी मूल दफासे अर्थ समझना और तत्सम्बन्धी मूल दफा निकालकरदेख लेना और उसी विषयमें पहले कहे हुए विषयपर भी ध्यान रखना:-- -गा० दफा ३-किसी नाबालिग़को, किसी दूसरे मित्रद्वारा उस जायदाद के कब्जेके लिये दावा करनेका अधिकार नहीं है, जिसपर कि मुद्दालेह, बिल इस्तहनाक वली नाबालिग़के कब्ज़ा रखता हो । इस सूरतमें, मुनासिब तरीका यह है कि गार्जियन एण्ड वार्ड एक्टके अनुसार जायदादका वली मुकर्रर करने के लिये दरख्वास्तकी जाय, -मु० भागी बनाम काशीगराम. 21 Nag. L. R.75; 89. I. C. 55; A. I. R. 1925 Nag. 328. .. -गा० दफा ३-जब कोई व्यक्ति गार्जियन एण्ड वार्ड्स एक्टके अनुसार किसी नाबालिग़की जायदाद और व्यक्तित्त्वका वली, ज़मानत देनेकी शर्तपर नियत किया जाता है और उस शर्तके अनुसार ज़मानत नहीं देसकता, तो उसकी नियुक्ति मेजारिटी एक्टकी दफा ३ के अनुसार नहीं समझी जाती, और ऐसा नाबालिग़ १८ वर्षकी अवस्था प्राप्त होनेपर बालिरा होजाता है। इस प्रकारका शर्तिया (Conditional ) हुक्म एक्टके अनुसार नाजायज़ है। नाथा वेंकटेश पेरूमलका मामला A. I. R. 1927 Mad. 36. गार्जियन एण्ड वाईस एक्ट-वली द्वारा क़र्ज़ जब किसी वली द्वारा, किसी नाबालिगकी ओरसे, किसी कानूनी आवश्यकता या उसकी जायदाद के फ़ायदेके लिये कर्ज लिया जाता है, तो उसकी पाबन्दी नाबालिग़की जायदादपर होती है। फालराम बनाम रोयूब खां । A. I. R. All. 55. 1927.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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