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________________ गा०दफा ४ ए-५] गार्जियन एण्ड वाईस -दफा ४ (ए) मातहत अदालतोंको अधिकार प्रदान करने तथा उनके पास कार्रवाइयोंके भेजनेका वर्णन (१) हाईकोर्ट को अधिकार है कि वह अदालत ज़िलाकी मातहत किसीभी दीवानी अदालतको जिसे दीवानीके मूल अधिकार प्राप्त हों इस दफाके अनुसार भेजी हुई इस एक्टकी कार्रवाइयां करनेका अख्तियारदे सकता है या वह अदालत ज़िलाको इस प्रकारका अख्तियार देसकता है कि वह अदालत ज़िला अपने मातहत दीवानी अदालतको ऐसी कार्रवाइयां कर सकनेका हक देसके। (२) अदालत ज़िलाके जजको अधिकार है कि वह अपनी अदालत से इस ऐक्ट के अनुसार होने वाली कार्रवाईको हर समय अपनी उस मातहत अदालतके पास भेज सकता है जिसे इस दफाकी पहिली उप दफा [४ ए (१)] के अनुसार अधिकार अधिकार प्राप्त हों। (३) अगर इस ऐक्टके अनुसार कोई कार्रवाई ज़िलेकी किसी मातहत अदालतमें होरही हो तो अदालत ज़िलाको अधिकार है कि वह उस कार्रवाईको अपनी अदालतमें लेसके या उसे किसी दूसरी मातहत अदालत में मेजसके जिसे दफा [४५ (१)] के अनुसार प्राप्त हो। (४) जब कि वली नियुक्त या घोषित कर दिये जानेके पश्चात् इस ऐक्टकी कोई कार्रवाई किसी दूसरी अदालतमें भेजी गई हो तो अदालत ज़िलाको अधिकार होगा कि वह अपनी लिखित आशा द्वारा उस दूसरी अदालत को वही अधिकार देदेवे जो वली नियुक्त करने वाली अदालतको प्राप्त थे अर्थात् वली सब कामोंके लिये इस दूसरी अदालत द्वारा नियुक्त या घोषित किया हुआ समझा जावेगा। दूसरा प्रकरण वलीकी नियुक्ति तथा उनकी घोषणा -दफा ५ योरोपियन ब्रिटिश रिआयामें माता पिताके अधिकार (१) अगर नाबालिग योरोपियन ब्रिटिश रिआया है तो-- _(प) उसके पिताको, या
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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