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________________ हिन्दूला विषय दफा ५५६ उत्तराधिकार कैसी जायदाद में होता है ? ५६० वरासत दो तरह से निश्चित की जाती है ५६१ मिताक्षरा लॉके अनुसार जायदाद कैसे पहुंचती है Bo ५६२ दायभाग लॉके अनुसार जायदाद कैसे पहुंचती है ५६३ वारिस किस तरह निश्चित करना चाहिये ५६४ मर्द जायदाद का पूरा मालिक होता है ५६५ बङ्गाल, बनारस और मिथिला स्कूलमें कितनी औरतें वारिस मानी गई हैं ? ५८४ सात दजके सपिण्डों का नक़शा ५८५ पिण्ड दान और जलदानके सपिण्ड ५८६ दोनों सपिण्डोंमें फरक नहीं है ५८७ सकुल्य किसे कहते हैं ५८८ समानोदक किसे कहते हैं ५८६ सपिण्ड और समानोदक ... 20 ५६६ उत्तराधिकारकी जायदाद में औरतों का हक़ महदूद हैं ५६७ वरासतका हक़ फौरन पहुंच जाता है ५६८ बेटा, पोता, परपोताका इकट्ठा हक़दार होना ५६६ उत्तराधिकारका हक़ किसीको नहीं दिया जासकता ५७० मिताक्षरा स्कूलमें सरवाइवरशिप चार वारिसों में होता है ५७१ दायभाग स्कूलमें सरवाइवरशिप दो वारिसों में होता है ५७२ किन वारिसों में सरवाइवर शिपू नहीं लागू होता ( २ ) मर्दोंका उत्तराधिकार मिताक्षरा लॉ के अनुसार ५७३ स्कूलोंके सबब से उत्तराधिकार एकसां नहीं है ५७४ मिताक्षरा लॉके अनुसार जायदाद किसके पास जायगी ? ५७५ कौनसी जायदाद उत्तराधिकारके योग्य है ? ५७६ मिताक्षरा लॉके अनुसार उत्तराधिकारका सिद्धान्त ५७७ मिताक्षरा, मनुके बघनानुसार उत्तराधिकार क़ायम करता है ५७८ उत्तराधिकार किस क्रम से चलता है ५७६ सपिण्ड शब्दका अर्थ B&G ... ... GAD foo ... ६७८ ६७६ ६७६ ६८० ६८० ५८० दो तरह के सपिण्ड ६८० ... ५८१ मिताक्षराके अनुसार गोत्रज सपिण्ड और भिन्न गोत्रज सपिण्ड ६५० ५८२ सपिण्ड किसे कहते हैं ... ५८३ बापसे सातवीं, मासे पांचवीं पीढ़ीके बाद सपिण्ड नहीं रहता ... पेज ६६४ ६६५ ... ६६५ ६६६ ६६७ ६६८ 000 ६६६ ६६६ ६७० ६७० ६७३ ६७३ ६७५ ६७५ ६७६ ६७८ ६८२ ६८३ ६८४ ६-५ ६८५ ६८६ -६८८ ६६०
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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