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________________ दत्तक या गोद [चौथा प्रकरण देने की मियाद इस दफा के अनुसार ६ साल की मिलेगी। और अगर जहां पर सिर्फ यह कहा जाता हो कि "दत्तक हुआ" और जायज़ तौर से हुआ है यह बात न कहीं जाती हो तो यह दफा लागू नहीं पड़ेगी। (१) दफा ११६ और ११८ में क्या फरक है ?-दफा ११८ से दफा ११६ में यह फरक है कि, दफा ११८ में दोनों बातों में से एक ही के होनेपर मियाद उसके अनुसार मिलती है। यानी चाहे दत्तक हुआ ही नहो, या नाजायज़ तौरसे लिया गया हो, दोनों बातों में से अगर एक बात भी होगी तो मियाद दफा ११८ के अनुसार मिलेगी। मगर दफा ११६ के मतलब के लिये दोनों बातें होना ज़रूरी हैं यानी 'दत्तक हुआ है' और 'जायज़ तौर से हुआ है' देखो नज़ीर ( 1903 ) 20 M. 291. F. B. (२) दखल देनेसे क्या मतलब है ! इस दफा ११६ की मियाद उस वक्त से शुरू होना मानी गयी है जब दत्तक सम्बन्धी अधिकारों में दखल दिया गया हो। दखल किसने दिया हो, और कैसे दिया गया हो; दोनों बाते संक्षेप से समझ लेना चाहिये । दखल देने वाला यातो प्रतिवादी हो या प्रतिवादी के पूर्व पुरुष यानी उसके बाप, दादा आदि हों जिनकी जायदाद का प्रतिवादी उत्तराधिकारी है। सिवाय इनके तीसरा आदमी न हो जिसका कि प्रतिवादीसे कुछ सम्बन्ध नहीं है तो ऐसे प्रतिवादी या उसके पूर्व पुरुषों के दखल देनेसे इस दफाकी मियाद शुरू होगी, देखो-( 1904 ) 26 All. 40. दखल देने से यह मतलब है कि-प्रतिवादी ने ऐसा कोई काम किया हो जिसकी वजहसे दत्तक नाजायज़ माना जाना ज़रूरी हो, देखो-( 1903 ) 26 M. 291 F. B. दखल का मतलब उस कामसे भी है जिस काम के होने पर बादी के दत्तक की हैसियत नमानी जाती हो, या वादी को कोई हक़ जो दत्तक की हैसियत से प्राप्त हुआ हो उस हक के इस्तेमाल करने से वह हटा दिया गया हो । उदाहरण देखो उदाहरण-जय और विजय दोनों सगे भाई हैं और बटे हुए खानदान में रहते हैं । जयने एक लड़का गोद लिया जिसका नाम है अजीत । जय मर गया और उसने अपने भाई विजय और दत्तक पुत्र अजीत वालिग को छोड़ा। जयकी जायदाद बहुत थी जैसे ज़िमींदारी, ज़मीन, बागात् और मकानात वगैरा । जयके मरते ही अजीत ने अपने दत्तक पिता की तमाम जायदाद पर कब्जा कर लिया, और विजय ने भी ज़बरदस्ती कुछ वागातों पर कब्ज़ा कर लिया जिसका इल्म (ज्ञान) अजीत को था। मगर अजीत ने कब्ज़ा कर लेने की तारीख से ६ साल के अन्दर दावा नहीं किया तो अब वह इस दफा ११६ के अनुसार दावा नहीं कर सकता। (३) हलके टालनेसे मियाद नहीं शुरू होगी-जब किसी दत्तक पुत्र को दत्तक पिता की वरासत मिलती हो तो उस वरासत के मुताविक अपने
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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