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________________ ३३२ दत्तक या गोद [चौथा प्रकरण rammwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww wwws देखो-के. जे. रुस्तम जी का इण्यिन लिमीटेशन एक्ट ६ सन १९०८ ई० पेज ३६७ से ३७४ तक, एडीशन सन १९१५ ई. इस दफा का साफ मतलब यह है कि जिस मुक़द्दमें में दत्तककी बहस ज़रूरी न हो और दावा उत्तराधिकारी की वरासत के अनुसार किया गया हो, जहां पर कि बादी बिना दत्तक की बात लाये हुये भी, अथवा उसके खिलाफ़ साबित किये हुये भी, अपने दावा में कामयाब हो सकता हो, यह दफा उन सूरतों से संबंध रखती है। देखो-एक्ट नं०१५ सन् १८७७ई०की दफा १४१ का इलाहाबाद हाई कोर्ट और बंगाल हाईकोर्ट ने यह अर्थ माना है कि दत्तक के पश्न से और इस धारा से कोई सम्बन्ध नहीं इस विषय के फैसले नीचे देखिये। (२) छ साल की याद परमि फैसले --मदरासमें एक विधवा ने दावा दायर किया, दावा में कहा गया कि, विधवा मुहैय्या अपने पतिकी जायदाद पर क़बज़ी दिला पाने का अधिकार रखती है, यह दावा उसके मुक़ाबिले में दायर किया था जो अपने को कहता था कि मैं विधवा के पति का दत्तक पुत्र है। अर्जी नालिश में स्वीकार किया गया था कि विधवा का पति सन् १८८४ में मर गया, तथा दत्तक की खबर विधवा को सन् १८८५ ई० में हुई और मुकदमा दायर किया गया सन् १८६३ ई० में । प्रतिवादी की तरफ से जवाब मावा दाखिल किया गया जिस में कहा गया कि दावा में तमादी होगई है। यह बहस एक्ट नं० १५ सं० १८७७ ई० की दफा ११८ के अनुसार थी। इसमें अदालत हाईकोर्ट मदरास ने प्रिवीकौन्सिल की कई एक नज़ीरों का हवाला देकर यह सिद्ध किया कि दफा १२६ एक्ट नं०६ सन १८७१ ई० और दफा ११८ एक्ट नम्बर १५ सन् १८७७ ई. का मतलब एकही तौर से मालूम होता है । मुक़द्दमा तमादी पर फ़ैसल किया गया देखो-पारवथी बनाम सामी नाथ 20 Mad. 40 फोल्ड एय्या डोरायी बनाम सोलाई 24 Mad. 405. रतनामानासारी बनाम अकिलण्डअम्माल 26 Mad. 291. उपरोक्त दफा ११८ और १४१ एक्ट नं० १५ स० १८७७ ई० तथा एक्ट नं०६ सन्१६०८ई० क़ानून मियादमें जो संदेह पैदा होता है, उसपर हाईकोर्ट इलाहाबाद और बंगाल ने यह राय दी है कि उक्त दफा ११८ का मतलब यह है कि जब कोई नालिश अपने हक के साफ कर लेने के बारे में दायर की जाय तो मियाद उसकी इस दफा के अनुसार लेनी चाहिये, मगर यह दफा उन नालिशों से संबंध नहीं रखती जो दफा १४१ या १४० के अनुसार हो। अर्थात् इस ११८ दफा के अनुसार सिर्फ अधिकार साफ कर लिया जा सकता है। इसकी मियाद छ साल की है किन्तु जब कोई दावा क़ब्ज़ा मांगे जाने का दायर हो तो उसकी मियाद १२ बारह साल की होगी जैसा कि दफा १४० व १४१ का मतलब है। देखो--वसुदेव बनाम गोपाल 8 All 644.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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