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________________ २४ उदाहरण- दत्तक या गोद २ १ शिवदुलारे लाल ક ३ मनोहरलाल सूर्य्यप्रसाद रामचरण ६ I ७ द 1 & ५. [ चौथा प्रकरण लक्ष्मीनारायण ११ । १० १२ I T I T 1 सुखराम महादेव हरिशङ्कर रामदास बृजकिशोर परशुराम शिवराम ( दत्तक ) हरिशङ्कर दत्तकपुत्रने, नम्बर १, २. ३, ४, और ५ के मरनेपर बनारस स्कूलके अनुसार जायदाद बटा पाने का दावा व मुक़ाबिले नबम्बर ६, ७ ६, १०, ११ और १२ के दायर किया । खानदान शामिल शरीक है । अदालतसे नम्बर ८ मुद्दई का हिस्सा यानी कुल जायदादका चौथा हिस्सा मिलेगा क्योंकि सूर्यप्रसाद अगर बटवारा करता तो उसे चौथाई हिस्सा मिलता । इसी तरह पर प्रत्येक स्कूल के अनुसार समझ लेना । कलकत्ता हाईकोर्ट से इसी तरहका एक मुक़द्दमा फैसला हो चुका है, जिसमें दत्तक पुत्रने गोद लेनेवाले पिताके सगे और शामिल शरीक भतीजोंके मुक़ाबिलेमें बटवारेका दावा किया था जिसमें प्रारंभिक अदालतसे लेकर हाईकोर्टतक दत्तकका हक़ उसी क़दर स्वीकार किया गया जितना कि उसके बाप का होता देखो, रघुनन्दनदास बनाम साधूचरण 4 Cal. 425. दफा २७५ मदरासमें दत्तकपुत्र असली लड़के का वारिस होता है जब किसीने दत्तकपुत्र और असली लड़केभी मरने के बाद छोड़े हों और जायदादका बटवारा क़ानूनके अनुसार हो गया हो पीछे असली लड़का लावल्द मरगया हो, ऐसी सूरत में मदरास हाईकोर्ट ने तजवीज़ किया है कि दत्तकको उत्तराधिकार के अनुसार असली लड़केकी जायदाद सब मिलेगी देखो 1 Mad. H. C. 49 Note. मगर बङ्गाल और बनारस में ऐसा नहीं माना गया है, वहां पर उत्तराधिकार उसी तरहपर चलेगा जिस तरहपर कि मिताक्षराके अनुसार होना चाहिये अर्थात् वेटा, विधवा, वेटी वग़ैराके न होने पर दूसरी शकल होगी देखो, प्रकरण ६. दफा २७६ गोद देने में लड़का असली कुटुम्बसे ख़ारिज हो जाता है दत्तक पुत्रका अधिकार दत्तक होनेके कारण असली बापकी जायदाद में नहीं रहता, वह ऐसा माना जाता है कि मानो वह उस नामदानमें पैदाही
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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