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________________ दफा २४६ ] दत्तक परिग्रह विधान २६५ पुत्र देने वाला, ऊपर के पांच वेद मन्त्रोंको पढ़कर दाहिने हाथमें जल, अक्षत. सुपारी, द्रव्य आदि लेकर देश कालका स्मरण करे और नीचे लिखी प्रतिज्ञा (संकल्प) स्पट रीतिसे पढ़कर उस जल अक्षत आदिको गोद लेने वालेके हाथ में छोड़ देवे पीछे अपने पुत्र को अपनी गोद में लेकर गोद लेने वाले के दोनों हाथों में दे दे । ( पुत्र दान का संकल्प ) कृत्य — ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः ॐ तत्सद्ब्रह्म श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्यश्रीब्रह्मणो द्वितीयेपराश्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे श्रष्टाविंशतितमे कलियुगे तत्प्रथमचरणे अमुक द्वीपे अमुक खण्डे तत्रापिपरमपवित्रेभारतेवर्षे अमुक देशैकदेशे अमुक " आरण्येवौद्धावतारे अमुक क्षेत्रे श्रीगङ्गायमुनयोर्महानद्यौ रमुक दिग्भागे देवब्राह्मणानां सन्निधौ श्रीमन्नृपतिविक्रमादित्यस्यराज्यादमुक संख्या परिमितेश्री शालिवाहन राज्यादमुक संख्यापरिमिते वा प्रवर्तमानवत्सरे प्रभवादिषष्टिसंवत्सराणांमध्ये अमुक नाम्नि संवत्सरे अमुक अयने अमुक ऋतौ अमुकमासे अमुकपक्षे अमुक.. तिथौ अमुक योगे अमुक करणे मुकराशिस्थितेचन्द्रे अमुकराशिस्थिते सूर्ये अमुक राशिस्थेदेव गुरौ शेषषुग्रहेषुयथायथाराशिस्थानस्थितेषु सत्सु एवं गुणविशेषेण विशिष्ठायां शुभपुण्यफलप्राप्ति कामः अमुक गोत्रोत्पन्नः अमुकनामाहं - इमं पुत्रं तव पैतृकऋणा पाकरणपुन्नामनरकोत्तारणार्थं - वंशाभिवृद्धयर्थं मात्मनश्च मुक्तयेश्री परमेश्वरप्रीतये तुभ्यमहं संप्रददे नमम | ००० दत्तक लेने वाला - बालकको हाथोंमें लेकर आगे लिखी वाक्य पढ़े । और "ॐ देवस्यत्व" इस मन्त्र को पढ़कर अपनी गोद में बिठाले । 34
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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