SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 329
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दत्तक या गोद [ चौथा प्रकरण दो भाइयों द्वारा एक ही लड़केका दत्तक लेना नाजायज़ है-धनराज जोहरमल बनाम सोनाबाई - 62 Cal 482. 52 I. A. 251; ( 1925 ) M. W. N. 692; 87 I. C. 357; 27 Bom.L.R, 6; 837P. C.57; 23; A. L. j. 273; 20 W. N. 335; 21 N. L. R. 50, A, I. R. 1925 P. C. 118, 49 M. L. J. 173 ( P. C. ) २४८ दफा २२६ विवाह हुआ लड़को सिर्फ बम्बई और पंजाबको छोड़कर जैसा कि दफा २०३ में बताया गया है-- अन्यत्र कहीं भी विवाहा हुआ लड़का दत्तक नहीं लिया जासकता । ( १ ) बङ्गाल - बङ्गालकी द्विजातियोंमें दत्तक उपनयनसे पहिले जायज़ माना गया है और शूद्रों में विवाह से पहले देखो -- S. D. A. R. 1853 P. 593. ( २ ) मदरास -- गोद लेने वाले के गोत्रसे चाहे भिन्न गोत्रका पुत्र हो मगर ब्राह्मणोंमें उपनयनसे पहले दत्तक जायज़ माना जायगा 9 Mad. 148. यदि दत्तकपुत्र एकही गोत्रका हो तो उपनयनके पश्चात् भी गोद लिया जा सकता है किन्तु विवाहसे पहले 13 Mad. 128. विवाहा हुआ लड़का दत्तक नहीं लिया जासकता देखो: 13 Mad. 128, 6 Mad. 43; 1 Mad. Dec. 106; 1 Mad. Dec. 406, 16 Mad. 384 में माना गया कि ४० वर्षका आदमी बिन ब्याहा गोद हो सकता है। ( ३ ) इलाहाबाद - इलाहाबाद हाईकोर्टम मानाजाता था कि पांच वर्षकी उमरके पश्चात् जो पुत्र दत्तक लियागया, जायज़ है । जस्टिस् महमूदने इस विषयके वचनों और फैसलों पर विचार करके माना कि द्विजों में उपनयन के पूर्व और शूद्रों में विवाहके पूर्व दत्तक लेना जायज़ है 9A11. 253-631-324 327–328; 7 All. L. J 927 में मानागया कि शूद्रों में एकलौता लड़का दत्तक लिया जासकता है मगर विवाहसे पहले । ( ४ ) मध्यभारत-- मध्यभारत में माना जाता है कि पांच वर्षसे ऊपरका लड़का मध्यभारतमें दत्तक नहीं लिया जासकता है मगर विवाहसे पहले - देखो सेलेक्टकेस 1886 Part 8 No. 44. ( ५ ) बनारसस्कूल -- बनारस स्कूल के अन्तर्गत विवाहा हुआ लड़का गोद नहीं लिया जासकता 11 C. P. L. R. 56: 1 N. L. R. 1, और देखो ट्रिवेलियन हिन्दू फेमलीलॉ पेज १४७. (६) जैन -- जैनियोंमें विवाहा हुआ लड़का दत्तक नहीं लिया जा सकता क्योंकिनिस्संदेह जैनियोंमें हिन्दुलॉ लागू होता है । अगरवाल जैन निस्सन्देह द्विज हैं। अगर कोई रवाज खास तौरसे साबितकी जाय तो दूसरी
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy