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________________ પા दफा २०० - २०२ ] कौन लड़के गोद हो सकते हैं C. W. N. 427; 18 Mad. 53. 4 Mad. L. J. 237; 11 Mad. 43; 1 M. H. C. 54. ( ३ ) इलाहाबाद- इलाहाबाद हाईकोर्टने एकलौते लड़केके दत्तकको 'फेक्टमधे लेट' के सिद्धांतानुसार जायज़ माना । फेक्टमवेलेटका मतलब देखो दफा ७३ और देखो 2 All. 164 ( F. B. ); 14 All. 67, 21 All. 460; 22 Mad. 398 ( P. C. }, (४) पञ्जाब - - पञ्जाबकी चीफ कोर्टने एकलौते लड़केका दत्तक जायज़ माना है No. 18 of 1870; 50 of 1874; 33 of 1872. फीरोज़पुर जिलेके 'गिल' नामक स्थानके रहनेवाले जाटों में एकलौते पुत्र की दत्तक नाजायज़ मानी गई है देखो No 33 of 1872. ( ५ ) बङ्गाल - बङ्गाल स्कूलके अनुसार एकलौते बेटेकी दत्तक नाजायज़ मानी गई है देखो 3 Cal. 443; 1 B. L. R. A. C. 221; 10 W. B. 347; 4 S. D. 70-89; 4 S. D. 320-407; 3 S. D. 232-310. 15 W. R. 458. बङ्गालमें दायभाग की प्रधानत्व माना जाता है । मगर यह भी माना गया कि ऐसा दत्तक 'फेक्टमवेलेट' (दफा ७३ ). के सिद्धांतानुसार जायज़ है देखो - फुलटन्स् रिपोर्ट 75 W. 1. 1864 P. 133; 1 Ind. Jur. O. S. 115. (६) बम्बई - बम्बई हाईकोर्टने ऐसा मान है कि एकलौते लड़केका दत्तक हिन्दूलाँके सर्व सामान्य नियमके विरुद्ध है और जब कि किसीने एकलौता पुत्र दत्तक दे दिया हो पीछे उसके कोई दूसरा पुत्र पैदा हो जाय तो इस सबब से वह दत्तक जायज़ नहीं हो जायगा । देखो 19 Bom, 668 ( F. B.) 14 Bom. 249; 6 Bom. 524. जब किसी विधवाने अपने पतिका एकलौता पुत्र दत्तक देदिया हो और ऐसी आज्ञा पति न देगया हो तो वह दत्तक शुरूसेही अनुचित और रद्द करने के योग्य है. 12 Bom H. C. 364; मगर 19 Bom. 428 में कहा कि लिङ्गायतों में ऐसा दत्तक रवाज के अनुसार जायज़ है | गुजरातमें भी जहां पर मयूख प्रधानतासे मानाजाता हैं एकलौते पुत्रकी दत्तक जायज़ मानी गई है देखो -- 24 Bom. 473, 24 Bom. 367 ( F. B. ) हिन्दू विधवा अपने एकलौते पुत्रको दत्तक दे सकती है ऐसे दत्तक मैं यह प्रश्न नहीं उठ सकता कि सिर्फ एकलौतापुत्र होने के कारण नाजायज़ है 12 Bom. H. C. 364, की नज़ीर द्वामुष्यायन दत्तकसे लागू नहीं होती और हालकी नज़ीरें ऐसी हैं कि जिनमें असली बापने अपने एकलौते बेटेको दत्तक दिया था जायज़ माना गया, यही सिद्धांत जहां पर कि विधवाने ऐसे पुत्रको दत्तक दियाहो लागू होसकता है देखो- --25 Bom. 537 ÌAI AIGA 31
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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