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________________ [ चौथा प्रकरण १८० दत्तक या गोद लड़का पैदा होकर मर जाय तो भी विधवा गोद नहीं ले सकती थी । इस क़िस्मका एक केस देखो -- सदर अदालत बङ्गाल 1849 P. 41. जब कोई पुरुष, सन्तान होनेसे नाउम्मैद हो गया हो और उसकी स्त्री गर्भवती हो तो यह बात उसे गोद लेनेसे नहीं रोक सकती । गोद लेनेके बाद • यदि असली लड़का पैदा हो जाय तो दत्तक नाजायज़ नहीं होगा- - दौलतराम बनाम रामलाल 29 All 310; 3 Mad. 180; 12 Bom 105 ऐसी सूरतमें दत्तक पुत्र और धौरस पुत्र अपने स्कूल के अनुसार हिस्सा पावेंगे । देखो -- दफा २७०, २७१. जब गर्भ में बच्चा हो ऐसी दशा में विधवा बिना आज्ञा पतिके अगर. दत्तक ले तो नाजायज़ होगा । सन्तान का अस्तित्व उसी समय से माना जायगा जबसे वह गर्भ में आया; देखो -- 1927 H. L. J. 6. दफा १३५ अधिकार ठीक तौर से काम में लाया जायगा पतिने जो अधिकार दिया हो, ठीक उसी के अनुसार काम करना ' चाहिये । उसमें किसी तरहका परिवर्तन या विस्तार या संक्षेप नहीं किया जा सकता चाहे वह नाजायज़ हो जब कि वह किया जाय; जैसे दो विधवाओं को एक साथही दो लड़के गोद लेना; देखो -- सुरेन्द्र केशव बनाम दुर्गासुन्दरी 19 I. A. 108 P. 122; S C; 19 Cal. 513. अगर विधवाको यह अधिकार दिया गया हो कि वह किसी खास मुद्दतके अन्दर गोद लेवे तो वह उस मुद्दतके बाहर गोद नहीं ले सकती-मुतसही बनाम कुन्दनलाल 28 All 377; 33 I. A. 55. इसी तरहपर विधवाको जब किसी खास लड़के के गोद लेनेका अधिकार मिला हो तो वह उसको छोड़कर दूसरा गोद नहीं लेसकती चाहे वह लड़का गोद लेने योग्य न हो और चाहे उसके माता पिता भी उसे न देते हों; अर्थात् अगर वह लड़का न मिल सके या गोद के योग्य न हो तो भी वह दूसरा लड़का गोद नहीं ले सकती -- 14 Mad. 65, 26 Mad. 681,685. बम्बई प्रांत में विधवा उस सूरत में दूसरा लड़का गोद ले सकती है जब पति के बताये हुए लड़के के माता पिता उसे देने से इनकार कर दें या वह लड़का ही गोद लेने के योग्य न हो। और अगर पतिने स्पष्ट रीतिसे यह कह • दिया हो कि सिर्फ वही लड़का गोद लिया जाय और दूसरा लड़का गोद न न लिया जाय तो विधवा फिर दूसरा लड़का गोद नहीं ले सकती; देखोलक्ष्मी बाई बनाम राजाजी 22 Bom. 996. जब किसी मठ के अध्यक्ष द्वारा, उस के दो शिष्योंके पक्षमें लिखे हुए अङ्गीकार पत्र में लिखा हो, “यदि मेरे जीवन कालमें कोई पुत्र गोद न लिया
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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