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________________ दत्तक या गोद [चौथा प्रकरण दफा १०४ दत्तकके समय इन बातोंका ध्यान रखना चाहिये गोद लेने के समय प्रायः इन मोटी बातोंपर अवश्य ध्यान रखना चाहिये क्योंकि इनके न होनेपर दत्तक नाजायज़ हो सकता है:(१) गोद लेनेवालेके गोद लेते समय कोई बेटा, पोता, परपोता, या दत्तकपुत्र मौजूद न हो, देखो दफा ६५ (२) होश हवास ठीक हो 10 M. I. A. 429. (३) विधिपूर्वक दत्तक लिया गया हो। द्विज होनेपर दत्तक-हवन किया हो; देखो दफा २३८ से २४६ (४) जिसने गोद लिया हो हिन्दू हो. देखो दफा १२ (५) गोद लेने और देनेवाला गोद लेने और देनेका अधिकारी हो; देखो दफा ६५-१७० . (६) गोद लिया जाने वाला लड़का अयोग्य न हो । देखो दफा १७१-२३७ (७) एकही गोत्र में गोद लिया गया हो और एक ही जातिमें । देखो दफा १७२-१७५ (८) एकसाथ दो लड़के गोद न लिये गये हों । देखो दफा ६७ (६) और दूसरी शर्ते जो विशेष कही गई हैं उनका पूरा ध्यान रखा गया हो। दफा १०५ गोद लेनेके समय जिसकी स्त्री गर्भवती हो जिस आदमीकी स्त्री गर्भवती हो उसे दत्तक लेनेका अधिकार है । एक पहिलेके मुक़द्दमे में सदर अदालत मदरासने यह माना था कि जो दत्तक गोद लेनेवाले पुरुषकी स्त्रीके गर्भावस्थामें लिया गया हो वह नाजायज़ होगा। वह इस सबबसे नहीं नाजायज़ होगा कि बादको उसके लड़का पैदा होजाय जिसकी बाबत अभी कुछ नहीं मालूम है, बक्लि इस सबबसे नाजायज़ हो जायगा कि गोद लेनेका अधिकार उस समय पैदा होता है, जब पुरुष असली औलादके पैदा होनेसे नाउम्मैद होगया हो; देखो-नारायण बनाम वेदाचल Mad. Dee. 1860 P. 97. Steel. 43. अगर यह सिद्धात सदर अदालत मदरासका सही माना जाय तो अत्यन्त बृद्धपुरुष अथवा मृत्युके मुखमें जानेवाले पुरुषोंतकको गोद लेनेसे रोकेगा, क्योंकि कभी कभी उनके भी पुत्र होजाते हैं और यह सिद्धांत आगे चलकर बिल्कुल खिलाफ़ पड़ेगा जहांपर असली लड़का और गोदके लड़केके बीज जायदादका हिस्सा करार पाया है इत्यादि । इसलिये अब यह माना
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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