SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1168
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बाल विवाह निषेधक ऐक्ट देख पड़ता किन्तु सम्भव है कि वे भी किसी प्रकार विवाह कराने वाले या आज्ञा देने वालोंमें शामिल किये जासकें क्यों कि 'आज्ञा देने वाले से तात्पर्य मदद या अनुमति देने वाले, विवाहमें कोशिश करने वाले, या यह चाहने बाले कि वह बाल विवाह होजाय या सहायता करने वालोंसे भी हो सकता है । इस दफामें स्त्री व पुरुषका कोई भेद नहीं रक्खा गया है अर्थात् इस दफाके अनुसार स्त्री व पुरुष दोनों ही को दण्ड दिया जा सकता है इस दफ़ाके अनुसार एक मास तककी सादी सजा या १०००) रुपये तकका जुर्माना किया जासकेगा । कैद व जुर्माना दोनों साथ २ भी किये जासकते हैं । १०००) रु० जुरमाने और एक मासकी कैदसे अभिप्राय यह है कि अदालत इससे ज्यादा जुरमाना या सजा नहीं देसकती मगर इससे कम जुरमाना करना और सजा देना, हर मामले की सूरत पर निर्भर है । इस कानूनके प्रचलित होने के कुछ समय तक जनता बहुत कुछ अज्ञानताके सबबसे बाल विवाह कर सकती है यह बात अदालत, सुबूतके अनुसार उसे उचित सजा पहिले चेतावनीके रूपमें सम्भवतः बहुत कम देगी। सजाकी तादाद तब ज्यादा बढ़ेगी जब कोई इस कानूनको जानबूझ कर तोड़ेगा और अपमान करेगा । अंग्रेजीमें शब्द पनिशेबुल (Punishable) है जिसका तात्पर्य यह है कि सजा देना अदालतकी इच्छा पर है, अदालत छोड़ भी सकती है। __ इस दफामें बतलाये हुए दण्डसे बचनेके लिये यह साबित करना आवश्यक होगा कि विवाह होते समय विवाहमें भाग लेने वाले व्यक्तिको यह विश्वास था कि वह बाल विवाह नहीं है जब तक कि वह व्यक्ति इस बार सुबूतको अदा नहीं करेगा वह दण्डका भागी समझा जावेगा। दफा ६ बाल विवाहसे सम्बन्ध रखने वाले माता पिता या संरक्षकको दंड (१) उस दशामें जबकि कोई नाबालिग़ बाल विवाह करेगा तो उस व्यक्ति को, जो उस नाबालिग की निगरानी माता, पिता, संरक्षक या संरक्षिका की हैसियत से या और किसी हैसियतसे रखते हुए, चाहे यह निगरानी कानूनी हो या गैर कानूनी विवाह करानेके लिये कोई काम करेगा या उसके किये जानेकी इजाज़त देगा या उसके ( बाल विवाहके ) रोकने में अपनी असावधानीके कारण चूकेगा, एक मास तकके साधारण कारावास, या एक हज़ार रुपये तकके जुर्मानेका दंड या दोनों प्रकारक दंड एक साथ दिये जा सकेंगे। किन्तु शर्त यह है किसी स्त्री को कारावासका दंड न दिया जावेगा। (२) उस दशा में जब कि कोई नाबालिग बाल विवाह कर लेगा तो इस दफाके लिये यह मान लिया जावेगा, जब तक कि इसके विपरीत साबित न कर दिया जावे, कि वह व्यक्ति जो ऐसे नाबालिग़की निगरानी रखता है बाल विवाहको रोकने में अपनी असावधानीके कारण ही असमर्थ हुआ है। व्याख्या____ इस दफाके अनुसार किसी नाबालिगका विवाह होने पर उसके माता पिता व संरक्षक दोषी ठहराये जा सकेंगे तथा उनको एक मास तककी सादी कैद या उन पर एक हजार रुपये तकका जुरमाना या दोनों प्रकारकी
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy