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________________ धार्मिक और खैराती धर्मादे [ सत्रद्रवां प्रकरणं नं० २० सन १८६३ ई० के पास होनेसे पहले थीं, मगर उस ट्रस्टी आदिके ज़िम्मे धर्मादेका जो पावना होगा उसके वसूल करनेके लिये दावा उक्त एण्डोमेण्ट एक्ट के अनुसार किया जायगा । धर्मादेकी इन्तक़ालकी हुई जायदाइकी मालगुजारी या किराया, आमदनी वग़ैरा वसूल करनेका जो हक़ रेवन्यू बोर्ड या एजेन्टको था वही ट्रस्टी, मेनेजर या सुपरिण्टेण्डेण्टको जिसे वह जायदाद इन्तक़ालकी गई हो होता है । दफा ८८३ कमेटीकी नियुक्ति १०६२ एण्डोमेण्ट एक्ट २० सन १८६३ ई० के पास होने के समय जिस मसजिद, मंदिर या धार्मिक संस्थासे पूर्वोक्त रेगूलेशनों में से कोई भी रेगूलेशन लागू होता था और जिसके ट्रस्टी, मेनेजर या सुपरिटेण्डेण्ट की नियुक्ति या नियुक्त की मंजूरीका अधिकार सरकार या सार्वजनिक अफसरके हाथमें था तो ऐसे मसजिद, मंदिर या धार्मिक संस्था के लिये प्रान्तीय सरकार तीन या ज्यादा आदमियों की कमेटी मुकर्रर कर देगी और उस कमेटीको वही अधिकार होंगे जो पूर्वोक्त रेगूलेशनोंके अनुसार रेविन्यू बोर्ड और उसके लोकल एजेन्टोंको प्राप्त थे, देखो - 29 Mad. 166. दफा ८८४ कमेटी के मेम्बर कैसे होना चाहिये जिस धर्मके मतलबों के लिये वह मसजिद, मंदिर या दूसरे धार्मिक धर्मादे स्थापित किये गये हों, उसी धर्मके लोगों में से कमेटी के मेम्बर नियुक्त किये जायेंगे और उनकी नियुक्ति उन लोगोंकी इच्छा मालूम करके होगी जो उस मसजिद, मंदिर या धर्मादेमें स्वार्थ रखते हों । कमेटी की नियुक्ति की सूचना सरकारी गजटमें प्रकाशित की जायगी. उस मसजिद, मंदिर या धर्मादे में स्वार्थ रखने वालोंकी राय, मेम्बरोंकी नियुक्ति के विषय में, प्रान्तीय सरकार यदि चाहे तो चुनाव द्वारा मालूम करेगी, और यह चुनाव उसी सरकार के बनाये हुए नियमों के अनुसार होगा जो इस क़ानून के विरुद्ध न हों। दफा ८८५ मेम्बर स्थाई होगा एक्ट नं० २० सन् १८६३ ई० की दफा ६ के अनुसार पूर्वोक्त कमेटी का हरएक मेम्बर उमर भरके लिये नियुक्त किया जाता है वह बदचलनी या अयोग्यता के कारण हटाया जासकता है लेकिन वह अदालत दीवानीके हुक्मके सिवाय और किसी तरह पर नहीं हटाया जासकता है किन्तु कोई भी मेम्बर अपनी इच्छा से हर समय अलग हो सकता है । दफा ८८६ मेम्बरके खाली स्थानकी पूर्ति उपरोक्त एक्ट नं० २० सन् १८६३ई० की दफा १० इस प्रकार है - पूर्वोक कमेटी के किसी मेम्बरकी जगह जब खाली हो जाय तो मसजिद, मन्दिर या
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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