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________________ वसीयतके नियम ७५ दफा ८०३ ] (ए) वसीयत लिखने वाला वसीयतपर अपने हस्ताक्षर करे, देखो24 Cal. 784. या वसीयतपर बायें हाथ के अंगूठेका या क़लमसे कोई चिन्ह बनाये या उसके कद्दनेसे उसकी मौजूदगी में कोई दूसरा आदमी उसपर उसकी तरफ से हस्ताक्षर करे - निर्मलचन्द बंधोपाध्याय बनाम शरदमणिदेवी (1898) 25 Cal. 911; 2 C. W. N. 642 के मुक़द्दमे में माना गया कि वसीयतनामें पर वसीयत करने वालेकी मोहर होना भी काफी है । पढ़ा हुआ आदमीका निशान बनाना नाजायज़ हैने वसीयत की, कि मेरी जायदाद बेचकर मेरी अगर रुपया बचे तो मसजिद लगा दिया जाय बनाया था । साबित किया जाता था कि वह पढी पढ़ा लिखा आदमी भी निशान करके वसीयत कर सकता है और ऐसी वसीयतनामे के हाशिये के गवाहोंकी परीक्षा बड़ी सावधानी के साथ करना चाहिये, देखो -- गुलावखां बनाम अमीन मोहम्मद फ़क़ीर 22 B. L. R. 529395I C. 145, 1926 A. I. R. 355 Bʊm. - एक मुसलमान स्त्री क्रिया कर्म में लगाई जाय वसीयत में उसने निशान थी। तय हुआ कि कोई । (बी) वसीयत करने वालेका हस्ताक्षर या चिन्ह या उसकी तरफसे हस्ताक्षर, वसीयतनामेमें ऐसी जगह होना चाहिये कि जिससे यह मालूम हो कि मरनेवालेका यह इरादा थाकि वह लिखत, वसीयतके तौरपर समझी जाय । (सी) वसीयतनामे पर दो या ज्यादा आदमियोंकी गवाही होना चाहिये परन्तु यह गवाह ऐसे हों कि जिन्होंने स्वयं वसीयत करने वालेको वसीयतनामे पर हस्ताक्षर करते या अपना चिन्ह बनाते या उसकी ओरसे उसकी मौजूदगी में और उसके कहने से किसी दूसरेको हस्ताक्षर करते देखा हो, या वसीयत करनेवालेने उनके सामने अपने हस्ताक्षर या चिन्ह या उस दूसरे आदमी के हस्ताक्षरको स्वीकार किया हो । प्रत्येक गवाह वसीयत करने वालेके सामने अपनी गवाही करे । यह ज़रूरी नहीं है कि सब गवाह एकही समय अपनी अपनी गवाहियां करें वसीयत में किसी प्रकारकी तस्दीक़की भी ज़रूरत नहीं है, देखो — 3 N. W. P. 32. इस मामलेमें एक परदानशीन औरत वसीयत की रजि. ट्री के समय बरांडेमें बैठी थी और अगर वह चाहती तो रजिस्ट्रारको देख सकती माना गया कि कार्रवाई काफ़ी है, 16 Cal 19. गवाह अपने हस्ताक्षर गवाहके तौरपर करें । वसीयत करने वाले की तरफ से हस्ताक्षर करने वालेका हस्ताक्षर गवाही नहीं माना जायगा, देखो - 9 Cal. 224; 11 C. L. R. 359. गवाह अवश्य हस्ताक्षर करे, केवल अपना चिन्ह बना देना काफी नहीं है, देखो -11 Cal. 429, 3 Bom 382; 15 Mad. 261 गवाह यदि अपने पूरे हस्ताक्षर न करें सिर्फ संक्षिप्त हस्ताक्षर करदे तो काफी माना जायगा 15 Mad 261. यह ज़रूरी नहीं है कि गवाह
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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