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________________ दफा ७६८-७EE ] दानके नियम करना आवश्यक होगा कि वह सब मामलेको जानती थी और उसकी जायदाद उस दानसे क्या हो जायगी यह बात भी उसके ज्ञानमें थी, देखो-11 M. I. A. 139; 10 W. R. P. C. 3. धार्मिक दान-किसी मृत मनुष्यके अन्त्येष्ठि संस्कारमें संयुक्त परिवार की जायदादके किसी एक भागका दान देवमूर्तिके निमित किया जा सकता है । औदिधा बनाम मुथू लक्ष्मी अची 91 I.C. 610 (1); A. I. R. 1925 Mad. 1281. दान बीमारीके समय-एक नालिशमें, जिसमें कि एक व्यक्तिने, अपनी बीमारीके समय हिबा किया था, यह दलील पेश कीगई, कि बीमारीके समय का हिवानामा हिन्दूलॉके अनुसार नाजायज़ है। तय हुआ कि पेश की हुई वजह एक अजीब सिद्धान्तपर है और मसलमानों के मरकलमौतका सिद्धांत हिन्दूलॉके अनुसार माननीय नहीं है। सतनारहु बनाम कृष्णदत्त 20 W. R: 143; 12 0. L. J. 275; 87 I. C. 900; A. I R. 1925 Oudh 383. दफा ७९९ दानमें कौन चीज़ नहीं दी जासकती मिताक्षरा स्कूलके अविभक्त परिवारमें बिना बटा हुआ किसी कोपार्सनरका हिस्सा दानके दारा नहीं दिया जासकता। और मौरूसी जंगम संपत्ति किसी एक ही पुत्रको नहीं दी जासकती। किन्तु बापको यह अधिकार है कि प्रमके कारण किसी पुत्रको ऐसी जायदाद मेंसे कुछ थोड़ा सा भाग देदे। मौरूसी स्थावर संपत्ति, कानूनी ज़रूरतके या उसका कुछ थोड़ासा योग्य हिस्सा लड़कीको देनेके सिवाय दूसरे किसीको नहीं दी जा सकती। पति की निजकी कमाई हुई अलहदा जायदादको उसकी बिधवा दानमें नहीं दे सकती; देखो-6 Ind. Cases 541; 32 All. 582; 7 All. L. J. 645; 32 All. 176; 5 Ind. Cases 270; 7 All.L.J. 121; 5. W. R. P. C. 131 2 M. I. A. 331; 5 Ind. Cases 283; एक विधवा स्त्रीने अपने पतिकी जायदाद अपनी बहनके लड़केको (रिवर्जनर धारिस देखो दफा ५५८) की मंजूरीसे दान कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्टने नाजायज़ माना 8 All. L. J. 1818.34 All. 129:12 Ind. Cases 6013; 16 Ind.Cases 337; 10 All L.J. 33; 5 Ind. Cases 27057 All L.J. 121; 32 All. 176; 16 Ind. Cases 187; 10 All. 407; 14 All. 377; 6 All. 288. पंजाबमें जिला लुधियाना तहसील जगरांव मौज़ा बहमूपुरकी एक विधवाने मौजाको 'सुधी' सहित दान कर दिया। यह जायदाद उसके पति की मौरूसी गैर मनकूला थी, नाजायज़ माना गया 86 P. W. R. 1911. एक उमीदवार नारिसने ऐसी जायदादका दान किया कि जिसके बारेमें उसे 122
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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