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________________ पुराने मर्द ये बातें नहीं जानते थे अस्ताचल पर न तो वे रोते थे न उदयाचल पर खुशी मानते थे जीवन के बारे में उन्हें न तो आसक्ति थी दुनिया के बारे में कोई भ्रम था की उन्हें न तो कोई खुशी थी न जाने का गम था। आये -उसने भेजा तो आये। चले-उसने बुलाया तो चले। न आने की कोई खुशी थी न जाने का कोई गम था। न सूरज के उगने पर वे उत्सव मनाते थे न डूब जाने पर रोते थे। उनका कोई चुनाव ही न था । जीवन से चिपकना और मृत्यु से घृणा करना पुराने मर्द ये बातें नहीं जानते थे न तो जीवन से चिपकते थे, न मृत्यु से घृणा करते थे। ये दोनों बातें तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जो जीवन से चिपकेगा वह मृत्यु से घबडायेगा। जो घबडायेगा वह घृणा भी करेगा । और जो जीवन से चिपकेगा और मृत्यु से घबडायेगा वह जीवन से वंचित रह जायेगा, क्योंकि वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जो मृत्यु से बचेगा वह जीवन से भी वंचित रह जायेगा । पुराने मर्द कुछ बातें जानते थे। कुछ बातें उन्होंने बड़ी गहराई से जानी थीं। लाओत्सु, अष्टावक्र, च्चांगत्सु, जरथुस्त्र, बुद्ध, कृष्ण - पुराने मर्द कुछ बातें जानते थे। तुम जल्दी से ऐसे घमंड से मत भर जाना कि सब तुम्हें पता है। जीवन के बारे में उन्हें न तो आसक्ति थी दुनिया के बारे में कोई भ्रम था वे जानते थे कि क्षणभंगुर है। जो है वह मिटेगा । इसलिए न तो कोई आसक्ति थी, न कोई भ्रम पालते थे। की उन्हें न तो कोई खुशी थी न जाने का गम था बीज पहले पौधा बनता है और फिर वृक्ष और फिर टूटकर वह धरती पर सो जाता है प्रकृति का नियम कितना सरल है आदमी भी मरता नहीं लौटकर अपने घर जाता है। कौन कहता है कि वह अनस्तित्व में खो जाता है। उन्हें कुछ मौलिक बातों का बोध था। जिन शास्त्रों पर मैं चर्चा कर रहा हूं इन शास्त्रों में इन मौलिक बातों की कुंजियां छिपी हैं। वे कुंजियां तुम्हें फिर मिल जायें इसलिए इन पर बात है।
SR No.032114
Book TitleAshtavakra Mahagita Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year
Total Pages444
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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