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॥ श्री सुधर्मास्वामीने नमः ॥
अहो ! श्रुतम् - स्वाध्याय संग्रह [२] दंडक-लघुसंग्रहणी
[गाथा और अर्थ]
दंडक कर्ता : श्री गजसारमुनि अनुवादक : पू. आ. श्री रत्नसेनसूरिजी लघुसंग्रहणी कर्ता : पू. आ. श्री हरिभद्रसूरिजी अनुवादक : श्रीमदविजय यतिन्द्रसूरीश्वरजी
-: संकलन :
श्रुतोपासक
-: प्रकाशक :श्री आशापूरण पार्श्वनाथ जैन ज्ञानभंडार शा. वीमळाबेन सरेमल जवेरचंदजी बेडावाळा भवन हीराजैन सोसायटी, साबरमती, अहमदाबाद-३८०००५
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