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________________ कमनीय रमणियों के साथ क्रीड़ा कर रहा था। याचकों को दान दे रहा था, बंदीजन उसकी स्तुति कर रहे थे और वह गीत-गान सुनने में मस्त व आसक्त था। यह सब देखकर अपराजित राजा ने अपने व्यक्तियों से पूछा, यह कौन है? उन्होंने कहा 'यह समुद्रपाल नाम के सार्थवाह का अनंगदेव नाम का धनाढ्य पुत्र है।' यह सुनकर उन्होंने कहा मेरे नगर के व्यापारी भी ऐसे धनाढ्य व उदार हैं, ओह! मैं धन्य हो गया ऐसी प्रशंसा करता हुआ राजा स्वस्थान पर आ गया। (गा. 438-442) _दूसरे दिन राजा बाहर जा रहे थे कि चारपुरुषों से उठाया हुआ और जिसके आगे वाद्य बज रहे थे, ऐसा एक मृतक उनको दिखाई दिया। उसके पीछे-पीछे छाती कूटती, जिनके केश बिखरे हुए रोती हुई, पग-पग कर मूर्छित होती हुई, ऐसी अनेक स्त्रियाँ जा रही थीं- ऐसा दृश्य देखकर राजा ने पूछा कि किसका निधन हुआ है? तब वे बोले वह सार्थवाह का पुत्र अनंगदेव है। अचानक विषचिका (कॉलेरा) की व्याधि होने से उसका अवसान हो गया' यह सुनते ही अपराजित राजा चौंक उठा बोला- 'अहो! इस असार संसार को धिक्कार है।' और विश्वासु का घात करने वाले विधि को भी धिक्कार है। हा! हा! मोहनिद्रा में अंध चितवाले प्राणियों का कैसा प्रमाद है! 'इस प्रकार महान संवेग को धारण करने वाले अपराजित राजा वापिस महलों में लौट आए और अनेकों दिन खेद में ही व्यतीत किए। किसी समय वे केवली भगवन्त जिनका पहले कुंडपुर में समागम हुआ था, वे केवली भगवन्त अपराजित राजा को प्रतिबोध देने का समय जानकर उस पर उपकार के लिए वहाँ पधारे। उनके सन्मुख धर्म श्रवण कर प्रीतिमति के पद्म नामक पुत्र का राज्याभिषेक करके अपराजित राजा ने दीक्षा ग्रहण की। साथ ही प्रिया प्रीतिमती पट्टराणी, अनुज बंधु सूर तथा सोम एवं विमलबोध मंत्री सभी ने दीक्षा ली। वे सभी उग्र तपस्या करके मृत्यु के पश्चात् आरण नामक ग्यारहवें देवलोक में परस्पर प्रीति वाले इन्द्र के सामानिक देव हुए। (गा. 443 से 451) इस जंबूद्वीप के भरत क्षेत्र में कुरुदेश के मंडन रूप हस्तिनापुर नाम का नगर है। उस नगर में चंद्र के जैसा आहलादकारी श्रीषेण नाम का राजा था। त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित (अष्टम पर्व) 31
SR No.032100
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charit Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurekhashreeji Sadhvi
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2014
Total Pages318
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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