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________________ ७४ ७५ ७६ क्रम कितने के निर्वाण समय प्रभु के निर्वाण साथ मोक्ष के बाद आंतरा १. १०,००० दिन के पहले भाग में ५० लाख कोटी सागरोपम २. १,००० दिन के पहले भाग में ३० लाख कोटी सागरोपम ३. १,००० दिन के पिछले भाग में १० लाख कोटी सागरोपम ४. १,००० दिन के प्रथम प्रहर ९ लाख कोटी सागरोपम ५. १,००० दिन के प्रथम प्रहर ९० हजार कोटी सागरोपम ६. ३०८ दिन के अंतिम प्रहर ९ हजार कोटी सागरोपम ७. ५०० दिन के प्रथम प्रहर ९०० करोड सागरोपम ८. १,००० दिन के प्रथम प्रहर ९० करोड सागरोपम ९. १,००० दिन के अंतिम प्रहर ९ करोड सागरोपम १०. १,००० दिन के प्रथम प्रहर ९ करोड सागरोपम में १०० सागरोपम कम ११. १,००० दिन के प्रथम प्रहर ५४ सागरोपम १२. ६०० दिन के अंतिम प्रहर ३० सागरोपम १३. ६,००० रात्रि के प्रथम प्रहर ९ सागरोपम १४. ७,००० रात्रि के प्रथम प्रहर ४ सागरोपम १५. १०८ रात्रि के अंतिम प्रहर ३ सागरोपम में ३/४ पल्यन्युन १६. ९०० रात्रि के प्रथम प्रहर १/२ पल्योपम १७. १,००० रात्रि के प्रथम प्रहर १/४ पल्योपम में हजार करोड वर्ष कम १८. १,००० रात्रि के अंतिम प्रहर १ हजार कोटी वर्ष १९. ५०० रात्रि के प्रथम प्रहर ५४ लाख वर्ष २०. १,००० रात्रि के प्रथम प्रहर ६ लाख वर्ष २१. १,००० रात्रि के प्रथम प्रहर ५ लाख वर्ष २२. ५३६ रात्रि के अंतिम प्रहर ८३७५० वर्ष २३. ३३। रात्रि के प्रथम प्रहर २५० वर्ष । २४. अकेले रात्रि के मध्यम प्रहर -- * * * * * * * X-(२७)-* * * * * * * *
SR No.032087
Book TitleTirthankar Vandana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnatrayvijay
PublisherRanjanvijayji Jain Pustakalay
Publication Year2006
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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