SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॥ ॥ रत्नसागर प्रथम लाग सूचीपत्र. ॥8॥ ॥३९॥ नवपदन्नी स्तुतिः, (निरुपम सुखदायक०)। .... ॥४०॥ पयूषणापर्व स्तुतिः, (बलि बलि हुंध्यानं०)। .... ॥ॐ॥तिथोंकास्तवन (सरू)॥ ॥ ॥४१॥ सुगण सनेही साजन श्रीसीमंधरस्वामि । .... ॥४२॥श्री शंखेश्वर पास जिनेसर बेटिय)।.... .... ॥४३॥ सफल संसार अवतार ए हूं गिणुं । .... ॥४४॥प्रणमुं श्रीगुरुपाय (पंचमी वृधस्तवन)। ॥४५॥ पांचमि तप तुमे करोरे प्राणी। .... ॥ ४६॥ अमल कमल जिम धवल विराजे। .... ॥४७॥ पास जिनेसर जगति लोए। .... .... ॥४८॥समवसरण बैठा भगवंत। .... .... ॥४९॥ तुं मेरै मनमें प्रनु तुं मेरे दिलमें। .... .... ॥५०॥सास्वता असाश्वता जिन बिंबनमस्कारस्तवन ॥५१॥ नूलो मन जमराकांइनमें (सिझाय) ॥५२॥ कमवा फल क्रोधना (क्रोध शिशाय ॥५३॥ जगचूमामाणिनून (पोसह सिशाय)। ॥५४॥ निस्सिहीर ( राई संथारा सिशाय )। ॥ ॥ सामायक पोशादि श्राद्ध अहोरात्रकृत्य॥ ॥५५॥ प्रनात सामायक विधिः। ........ ......... ॥५६॥राई प्रतिक्रमण विधिः। ..... .... ॥५७॥ सामायक पारण विधिः। .... ॥५८॥ संध्याकाल सामायक ग्रहण विधिः। ॥ ५९॥ देवशी प्रतिक्रमण विधिः। .... ॥६०॥अठ पुहरी पोशह विधिः । .... ॥६१॥ पांचशकस्तवे देव वंदन विधिः। .... ॥६२॥ पच्चरकाण पारण विधिः। .... .... ॥६३॥राई संथारा विधिः। .... .... .... १०२ MMMMM ११४
SR No.032083
Book TitleRatnasagar Mohan Gun Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktikamal Gani
PublisherJain Lakshmi Mohan Shala
Publication Year1903
Total Pages846
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy