SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ૨૭૮ रत्नसागर. थाइ॥६॥०॥श्रीसङ्गुरुना मुखथी सांनख्यारे। एहवा वचन विलास। ते वहुमानेंरे निज चित्तमें धरयारे। नेमीसुत भाईदास ॥७॥०॥ चैत्य कराव्युरे सुंदर सोनतोरे। मनधरि अधिक नतास। शीतल प्रजुनोरे बिंब नरावीयोरे। सहस फणा वलि पासवान ॥ वरस अधारह सत्तावीसमेंरे। माधव मास मकार। नऊल प्रादसी दिवस थापीयारे। विंब अनेक नदार॥९॥ ज०॥ एकसो इक्यासी सहु मेलै थयारे। बिबादिक सुविचार । कीध प्रतिष्टा ते दिन तेहनीरे। विधपूर्वक मन धार ॥ १०॥०॥श्री जिनलान सूरी श्वर दीपतारे । श्रीखर तर गलाण । तासपसाय में शीतल जिन थुएपारे । विबुध कमाकल्याण ॥ ११॥०॥ ॥ इति शीतल जिन स्तवनं ॥॥ ॥ ॥ अथ अढाई द्वीप २० विरहमान स्तवन ॥ ॥ ..॥ ॥ वंषु मनसुध विहरमाण जिणेसर वीस । दीप अढीमें दीप जे वंता जगदीस । केवल ग्यांननें धारै तारे करि नपगार । किण २ गमें कु ण २ जिन कहिस्युं सुविचार ॥ १॥ पंतालीस लद जोयण मानुन क्षेत्र प्रमाण । बलियाकार आधै पुष्करसीमा जाण । दोय समुद्रे सोहे दीप अढाई सार । तिणमें पनरै करमा नूमीनो कहूं अधिकार ॥ २ ॥ पहिलो जंबूदीप समै विच थाल आकार । लांबो पिहलो इकलख जोयणनें विसतार। मोटो तेहनें मध्य सुदरशण नामें मेर। तिणथी दिसा विदिसांनी गिणती च्या रे फेर ॥ ३ ॥ मेरुथकी दवाणदिसि एहनरत सुनकेत्र । पांचसै गवीस जोयण उकला तेहनो वेत्र । उत्तरखंममें एहवो ऐरवतोत्र कहाय । इण विहुं करमांनूमी अरा गई फिरता जाइ ॥ ४ ॥ तेत्रीस सहस्र उसै चौरा सी जोयण जाण । च्यारकला ए महाविदेह विखन वखाण । वावीससै तेरे जोयण एकविजे पहुलाण । एहवी वत्तीस विजय विराजे जेहनें गण॥ ५॥ मे रुविच कर पूरब पत्रिम दोय विनाग। सोलेर विजय तिहां विचरे श्रीवीतराग। सासते चोथे आरै तारै श्रीअरिहंत । एहवो महाविदेह करम चूमि त्रीजीतंत ॥६॥ पूरखविदेह विजै पुष्कलावति आठमी ठाम। पुमरीकणीनगरी तिहां श्री सीमंधर स्वांम । वप्रविजै पचीसमी विजया पुरनो नाम।पत्रिम विदेह वीजोयु गमंधर कीजै प्रणाम ॥७॥ तिमहीज नवमी वहविजै वलि पूरबविदेह । नयर सु
SR No.032083
Book TitleRatnasagar Mohan Gun Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktikamal Gani
PublisherJain Lakshmi Mohan Shala
Publication Year1903
Total Pages846
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy