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________________ १४० संस्कृत साहित्य का इतिहास प्रेमिका को प्रणय-सन्देश भेजता है । यह सन्देश किसी दूत के द्वारा भेजा जाता है । दूत का निर्णय प्रेमी अपनी इच्छानुसार करता है । ऐसे गीतिकाव्यों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनमें प्रेमिका अपने प्रिय को सन्देश भेजती है । ____गीतिकाव्यों में, विशेषकर दूतकाव्यों में, कालिदास का मेघदूत सर्वश्रेष्ठ है। इसको मेघसन्देश भी कहते हैं। यह दो भागों में है, पूर्वमेघ और उत्तरमेघ । पूर्वमेघ में कहा गया है कि किस प्रकार एक यक्ष को अलका में स्थित अपनी प्रेमिका से वियुक्त होकर रामगिरि पर्वत पर रहना पड़ा । वर्षा ऋतु के प्रारम्भ में उसकी इच्छा हुई कि अपने वियोग में दुःखित प्रेमिका को सान्त्वना का सन्देश भेजूं और अपनी अवस्था का भी समाचार भेजूं । उसने समीपस्थ पर्वत की चोटी पर लगे हुए एक मेघ को देखा। उसने मेघ से कहना प्रारम्भ किया। सर्वप्रथम मेघ का स्वागत करने के बाद उसने उसे अलका का मार्ग बताया । कवि ने मार्ग में स्थित स्थानों का वर्णन किया है। उत्तरमेघ में उसने अलका नगरी का वर्णन किया है और वहाँ पर अपने गह की पहचान बताई है । तत्पश्चात् अपनी प्रेमिका की अवस्था का वर्णन करके उसने वह सन्देश बताया है, जो उसे वहाँ जाकर सुनाना है । कुछ आलोचकों का मत है कि कालिदास ने अपने वैयक्तिक अनुभवों को प्रकट करने के लिए इसको बनाया है । विक्रमादित्य ने उन्हें कुन्तलेश की राजसभा में एक राजदूत बनाकर भेजा था । इस काव्य के माध्यम से उन्होंने अपनी उन व्यक्तिगत अनुभूतियों की अभिव्यक्ति की है जो उस समय उन्हें अपने परिवार से विलग होने की अवस्था में हुई। इसमें सत्यता है या नहीं, कहा नहीं जा सकता। किन्तु यह तो स्पष्ट ही है कि कालिदास को इस काव्य की रचना करने की प्रेरणा रामायण, नल-कथा तथा उस सन्देश से प्राप्त हुई जिसे रुक्मिणो ने कृष्ण के पास एक ब्राह्मण द्वारा भेजा था । कवि प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन करने में बड़ा ही कुशल है । इस काव्य में उसकी इस शक्ति की स्पष्ट झलक मिलती है। उसने मन्दाक्रान्ता छन्द चुना जो इस विषय के लिए उपयुक्त कहा गया है । देखिए :--
SR No.032058
Book TitleSanskrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV Vardacharya
PublisherRamnarayanlal Beniprasad
Publication Year1962
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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