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________________ श्राद्धविधि / १३ समय यदि पृथ्वी या जल तत्त्व हो तो लाभ होता है और वायु, अग्नि और आकाशतत्त्व हो तो हानि होती है । अर्थसिद्धि और स्थिर कार्यों में पृथ्वीतत्त्व और शीघ्र करने योग्य कार्यों में जलतत्त्व लाभकारी है । चन्द्रनाड़ी के समय करने योग्य कार्य चन्द्रनाड़ी बहती हो तब देवपूजन, व्यापार, लग्न, दुर्ग, नदी उतरना, गमनागमन, जीवन के प्रश्न, घर, क्षेत्र - संग्रह, क्रय-विक्रय, वर्षा, नौकरी, खेती, शत्रु-जय, विद्याभ्यास, पट्टाभिषेक आदि कार्य लाभकारी होते हैं । • किसी भी कार्य का प्रारम्भ करते समय या प्रश्न करते समय यदि स्वयं की चन्द्रनाड़ी बहती हो या नासिका में पवन प्रवेश करता हो तो उस कार्य की निःशंक सिद्धि समझनी चाहिए । सूर्यनाड़ी के समय करने योग्य कार्य कैदी, रोगी, पद- भ्रष्ट, प्रश्न, युद्ध, शत्रुमिलन, अचानक भय, स्नान, जलपान, भोजन, खोई वस्तु को ढूढ़ने, पुत्र, मैथुन, विवाद तथा कष्टप्रद कार्य में सूर्यनाड़ी शुभ मानी गई है । कुछ आचार्यों के मत से विद्यारम्भ, दीक्षा, शस्त्राभ्यास, विवाद, राजदर्शन, गीतआरम्भ, मंत्र-यंत्रादि साधना में सूर्यनाड़ी शुभ है । · • बायीं नासिका का पवन चलता हो तब बायाँ पैर और दायीं नासिका का पवन चलता हो तब दायाँ पैर पहले उठाकर अपने घर से प्रयाण करना चाहिए । • देनदार, शत्रु, चोर और लड़ाई करने वाले को शून्यांग की ओर (बायीं ओर) करने से स्वयं को सुख, लाभ और जय की प्राप्ति होती है । ● जो कार्यसिद्धि का इच्छुक है वह स्वजन, स्वामी, गुरु, माता-पिता तथा हितचिन्तक आदि को अपनी दायीं ओर रखे । ● शुक्लपक्ष हो या कृष्णपक्ष हो परन्तु दायीं या बायीं जो नासिका पवन से भरी हुई हो, सर्वप्रथम वह पैर धरती पर रखकर शयन का त्याग करना चाहिए । उपर्युक्त विधि से निद्रा का त्याग कर अत्यन्त बहुमानपूर्वक परम मंगलकारी नवकार मंत्र का स्मरण करना चाहिए। कहा भी है " शय्या में रहकर नवकार मंत्र का स्मरण करना हो तो सूत्र के अविनय के निवारण के लिए मन में ही गिनना चाहिए ।" • कुछ आचार्यों का मत है कि किसी भी अवस्था में नमस्कार महामंत्र का पाठ (स्मरण) कर सकते हैं । (ये दोनों मत ग्राद्य पंचाशक सूत्र, की टीका में बतलाये गये हैं ।)
SR No.032039
Book TitleShravak Jivan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasensuri
PublisherMehta Rikhabdas Amichandji
Publication Year2012
Total Pages382
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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