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________________ ३८२ सेव सो सोभ, सोह सोल्ल सोह हक्क हकार हक्खुव हण, हम्म हम्म हर ཝཱ ཀཱ ཀཱ ཝཱ हरेस हा हार हाव हास हिरि हाल ཝཱ ཨཱལླ ཝཱ हुल हेर होम सेव सु, स्वप् शुभ शोभय अभिनव प्राकृत व्याकरण चमकना क्षिप् च् √र फेंकना पकाना; प्रेरणा करना " शोधय शुद्धि करना, खोजना दे० उत् + √क्षिप् हन् हम्म् Vह, मह, हदू Ve, Ved हेप √सू स ू, स VET हारय हाय हालय ही हेल √हु √क्षिप्, √मृज् दे० होम आराधना करना, आश्रय करना दारू बनाना, पीड़ा करना; सोना शोभना, चमकना; शोभा युक्त करना, पुकारना, आह्नान करना ऊँचे फैलान ऊँचा करना, उठाना, फेंकना वध करना, मारना जाना हरण करना, छीनना; ग्रहण करना; आवाज करना खुशी होना; हर्ष से रोमाञ्चित होना गति करना होना हँसना, हास्य करना; हीन होना कम होना त्याग करना, गति करना नाश करना, हारना, पराभव होना हानि करना, त्याग करना हँसाना लज्जित होना अवज्ञा करना, तिरस्कार करना होम करना फेंकना, मार्जन करना, साफ करना देखना, निरीक्षण करना होम करना
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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