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________________ विकूण विक्कोस वि + √क्रुश विक्खिव, विच्छु वि + √क्षिप् विगण वि + √गणय् विगत्त वि + √त् विधुम्म. विच्च विश्व विगरह वि+गर्ह विगाह वि+गाहू विगिंच वि + विच् विगला, विगलाअ वि + ग्लै विगोव विच्छड्ड विच्छुह विज्ज विट्टाल विडंब विढप्प विढव विण्ड विणभ विणिच्छ विणिजंज विणिवट्ट विणिवाए विणिवार विणिहा विणोअ अभिनव प्राकृत-व्याकरण वि + √कूटयू V विष्णव विष्णस वि + √गोपय् वि + √घूर्णय् वि+अय् दे वि + √छर्दय् वि + शुभ् विद् दे० घृणा से मुँह मोड़ना चिल्लाना वि + √ज्ञापय् हि + न्यासय दूर करना, फेंकना निन्दा करना, घृणा करना छेदना काटना, निन्दा करना अवगाहन करना पृथक् करना, अलग करना विशेष ग्लानि होना, खिन्न होना प्रकाशित करना डोलना व्यय करना समीप में आना परित्याग करना विक्षोभ करना, चंचल हो उठना होना उच्छिष्ट करना अस्पृश्य करना, तिरस्कार करना, अपमान करना वि+डम्बय् व्युत् + √ पद् अर्ज. वि+√नटय्, वि + √गुप् व्याकुल करना, खेद खिन्न करना विनिस् + चि विनि + √युज् विनि + √वृत् विनि + पातय विनि + Var विनि + √धा षि + √नोदय् व्युत्पन्न होना उपार्जन करना, पैदा करना विडम्बना करना निश्चय करना जोड़ना, कार्य में लगना निवृत्त होना, पीछे हटना मार गिराना रोकना, निवारण करना व्यवस्था करना खण्डित करना, करना ३७७ खेल करना, कुतूहल विनती करना, प्रार्थना करना स्थापन करना, रखना
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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