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________________ ३७० फंस - फंसइ फंस,फस,फास, } /स्पृशू फुस, फरिस फट्ट फड फल फव्वीह फाड फिट्ट फिर फुक्क — फुक्कइ फुट् फुम, फुस फुर फुरफुर फुल्ल फेल फेल्लुस फोड बइस बंध बडबड बल बव, बुव, बू बाह बिंब बिंह बीह बुक्क √स्फटू स्कट √फल् लभ् फ चअंशू √ गम् स्फुट् भ्रम्, फूतू + √कु चस्फुर फुल्लू क्षिप् दे० स्फोट् अभिनव प्राकृत व्याकरण उप + √विश् बन्ध दे० VET बाध बिम्ब ฟรี ร भी गर्ज, कू ब अस्य प्रमाणित होना छूना, स्पर्श करना फटना, छूटना खोदना फलना, फलान्वित होना यथेष्ट लाभ प्राप्त करना फाइना नीचे गिरना, ध्वस्त होना फिरना, चलना फुफकारना, फू-फू की आवाज करना निकलना, खिलना भ्रमण करना; फूँक मारना फड़कना, हिलना, अपहरण करना थरथराना विकसित होना फूलना, फेंकना, दूर करना फिसलना, खिसकना, खिसक कर गिरना फोड़ना, विदारण करना बैठना बांधना बिलाप करना, बड़बड़ाना ग्रहण करना बोलना विरोध करना, प्रतिबिम्बित करना रोकना पोषण करना डरना, भयभीत होना गर्जन करना, गरजना; कुत्ते का भूँकना
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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