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________________ अरुंध अणुलिंप अणुलिह अणुवूह अणुवेय अणुसंचर अणुसंध अणुसंसर अणुसज्ज अणुसर अणुसील अणुसोय अणुवच्च, अणुवज्ज अनु + अणुवज्ज गम् अणुवय अनु + V अणुवास अनु + अणुहर अणुहव, अणुहो अणुहुंज अण्ण, अण्ह अण्णे अस अतिउ अत्थ अत्थम अत्थीकर अत्थु अद्द अद्दह अपेक् अपोह अभिनव प्राकृत - व्याकरण २२ अनु +/रुध् अनु + √लिप् अनु + लिहू अनु + √ ह अनु + वे अनु + अनुसं + √धा अनुसं + √सृ, स्मृ अणु +संज् अनु + √सृ, स्मृ अनु + √शील अनु + √शुच् अनु + Va अनु + √भू अनु + √भुञ्ज् भुज् अनु + √इ अनु + √इष् अति + √त्रुट्, √वृत् अर्थ अर्थी + √कृ आ + √स्तृ अ आ + √द्रह अप + √ईक्ष् अप + ऊह अनुरोध करना, स्वीकार करना, आज्ञा का पालन करना, प्रार्थना करना पोतना, लेप करना चाटना, छूना अनुसरण करना जाना अनुवाद करना व्यवस्था करना अनुमोदन करना, प्रशंसा करना _अनुभव करना परिभ्रमण करना खोजना, ढूढ़ना, तलाश करना गमन करना, स्मरण करना अनुसरण करना अनुवर्तन करना; याद करना, चिन्तन करना पालन करना, रक्षण करना सोचना, चिन्ता करना अनुकरण करना, नकल करना अनुभव करना भोग करना भोजन करना ३३७ खाना, अनुसरण करना खोजना, ढूँढ़न खूब टूटना, उल्लंघन करना मांगना, याचना करना अस्त होना, अदृश्य होना प्रार्थना करना, याचना करना विछाना, शय्या करना मारना, पीटना उबालना अपेक्षा करना, राह देखना निश्चय करना
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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