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________________ ऐं नमः [२] श्री-सरस्वतीस्तवः જેસલમેર તાડપત્રીય પ્રત ગ્રં.નં. ૧૭૧/૧૩ नमो सरय-ससि-सरिस-संपुण्ण-वयणे नमो विमल-वर-कमल-दल-दीह-नयणे नमो हार-हर-हंस-कुंदेदु-वन्ने नमो सव्व-भासासु भासा-पवन्ने [uall] नमो कसिण-घण-कुडिल-मिउ-सिहिण केसे नमो विमल-चूडामणी-सहिय-सीसे नमो तत्ततवणिज्ज-मणि-कुंडलिल्ले । नमो वियडि-कडिसुत्त-भूसिय-कडिल्ले नमो तार-वर-हार-रायंत-वच्छे नमो पणय-जण-पाव-हरणम्मि वच्छे नमो विमल-मणि-वलय-वलजुय-पउढे नमो रयण-मणि-कणय-भूसिय-सुकंठे नमो देवि सुविसट्ट-कंदोट्ट-हत्थे नमो कमल-ज्झस-कुलिस-लक्खण-पसत्थे नमो दुट्ठ-रिट्ठारि-निट्ठवण दक्खे _ नमो देवि ! महु देहि दीहच्छि सोक्खे । नमो बाल-सरलंगुली-गिज्झ-मज्झे नमो दिव्व-नाणीहिं-विन्नाय-गुज्झे नमो सत्य-सुपसत्थ-पोत्थ-थवि हत्थे नमो सग्ग-मग्गग्गला-भंग-सत्थे जिन (ण)-मुह-कमल विणिग्गय-सामिणि पणय सयल-जणमण-चिंतामणि । सिरि बंभाणि गोरि जोगेसरि ल० वरय होइ तुं हुं मुह वागेसरि ||आर्यागीतिः ||६|| इति सरस्वती स्तवः सम्पूर्ण:। लेपन “कृतिरियं विजयसिंहाचार्याणां ११६९ द्वि. श्रा. सुदि १ शुक्रे. चंडप्रसादेन" मा पनी पछी नेमिनाथस्तोत्र अंत सपेर छ.3 [ill]
SR No.032030
Book TitleSachitra Siddh Saraswati Sindhu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKulchandravijay
PublisherSankheshwar Parshwanath Jain Mandir
Publication Year1994
Total Pages218
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size30 MB
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