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________________ ३.६ जाहिर उद्घोषणा नं० २. या बहुत रोजका, सरस या निरस, सार या असार, घृतवाला या बिना घृतका, लुखा और क्षीरका भोजन या उडदके बाकुले आदि जैसा आहार मिलता वैसा लेतेथे, यदि उडदके बाकुले आदि निरस आहार भी न मिलता तोभी अदिन्न मनसे समभाव रहतेथे " ऐसा आचारांग सूत्र में कहा है परंतु उसमें वासी रोटी, खीचडी आदि लेनेका नाम नहीं है और बहुत दिन का ठंढा वासी आहारमें सूखी पुडी, खाजा, लड्डु, घेवर, खाखरे, भुने हुए चने और चने या चावल के आटेका शातु आदि अनेक वस्तु निर्दोष हैं, उनको भी बहुत रोजका ठंढा आहार कहा जाताहै, ऐसी वस्तु लेने में कोई दोषनहीं है इसलिये भगवान् के नामसे आचारांग सूत्रका नाम आगे करके वासी रोटी, खीचडी आदि खानेवाले सूत्र के ऊपर और भगवान् के ऊपर झूठा दोष लगाते हैं तथा असंख्य त्रस जीवोंका भक्षण करके पापके भागी होते हैं । १७. फिरभी देखो विचारकरो भगवान् अनंत बल वीर्य पराक्रम वालेथे, दिव्यज्ञानी, शुद्ध उपयोगी, अप्रमादी, निर्ममत्वी, मासक्षमण आदि तपस्या के पारणे में तीसरे प्रहरमें अपरिचय वाले अज्ञात घरोंमें गौचरी जाने वालेथे, अनेक तरहके उपसर्ग और परिसह सहन करके केवलज्ञान प्राप्त करके जगत् के ऊपर अनंत उपकार करके मोक्षगये हैं परंतु ढूंढियों में ऐसे एकभी गुण नहीं किंतु विशेष करके अपने रागी भक्तोंके घरों में गौचरी जातेहैं ममत्वभावसे व लोभ दशासे सरस २ गरीष्ट आहार लेकर शरीरको पुष्ट करते हैं और अपने स्वादके लिये या विहारमें भातारूप आहार अपने साथमें लेजाने के लिये सूर्यका उदय होतेही गृहस्थों के घर जाकर वासी रोटी आदि व बहुत दिनों का आचार और चुल्हे परका प्रायः कच्चा जल लेते हैं फिर भगवान् के नाम से लोगों को बहकाकर अपनी अज्ञान कल्पनाको पुष्ट करते हुए त्रस जीवोंकी उत्पत्ति वाला आहार खाकर निर्दोष बनते हैं, यही बडी अज्ञानता है । १८. देखो शामको चारबजे कोई साधु किसी गृहस्थके घरमें गौचरी गया होवे उसके रसोई होने में देरीहोवे तो वह कहता है कि महाराज गरम रसोई में थोडा विलंब है परंतु फजरकी ठंडी रोटी हाजर है। लीजिये, इसप्रकार फजर का बनाया हुआ आहार शाम को ठंढा कहा जाता है, भगवान् तीसरे प्रहर गौचरी जातेथे तब ठंढा आहार मिलता
SR No.032020
Book TitleAgamanusar Muhpatti Ka Nirnay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManisagar
PublisherKota Jain Shwetambar Sangh
Publication Year1927
Total Pages92
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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