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________________ ब्राह्मणों ने यह नियमावलि निर्माण की ? किस राजा के शासन काल में ये नियम अमल में लाये गये यह निश्चय पूर्वक बताने योग्य साधन अभी उपलब्ध हुए नहीं है। पुराण और स्मृतियोंसे इतनाही जाना जाता है कि, सामाजिक नियम ब्राह्मण बनाते और राजा लोग उनको अमलमें लाते । स्मृति और पुराण विक्रम संवत पहिले ४००-५०० वर्ष से लेकर विक्रम संवत ५०० तक रचे गए हैं। जातिओं के संबंध में विचार करनेवाली समग्र स्मृतियों में ऐसा कुछ न कुछ प्रमाण उपलब्ध होता है। इन ग्रंथों की रचना के समय ही प्रस्तुत की ज्ञातियों का जन्म हुआ है। भिन्न भिन्न ज्ञातियों के पुराण बहुत आधुनिक समय में लिखे गए हैं, ऐसे प्रमाण उन पुराणों में से उपलब्ध होते हैं। अर्थात् ज्ञातियों के पुराण वि. सं. ५०० के पश्चात रचे गए यह मान लिया जावे तो भी उनका काल संवत एक हजार से नीचा नहीं उतर सकता। संवत एक हजार पीछेके व्योरेवार ऐतिहासिक साधन मिल चुके हैं। इन साधनों से समझता है कि आज कल की बहुतेरी ज्ञातियां आज से एक हजार वर्ष पूर्व भी आज ही जैसे स्वरुप में प्रचलित थी; परंतु ज्ञातिके पुराणों में ज्ञाति की उप्तत्ति का काल्पनीक इतिहास बहुत भरा हुआ पाया जाता है। और वैसा ही इतिहास संवत एक हजार के लगभग और इससे पहिले के लेखों में प्रमाण भूत माना हुआ देखा जाता है (देखो-वल्लभी राजाओं के ताम्रपत्र,
SR No.032004
Book TitlePorwar Mahajano Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakur Lakshmansinh Choudhary
PublisherThakur Lakshmansinh Choudhary
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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